एमएनआईटी से मादा लेपर्ड को किया रेस्क्यू, नाहरगढ़ छोड़ा
यहां के पर्यटन पर असर पड़ सकता है
पिछले काफी समय से लेपर्ड के मूवमेंट की सूचना मिल रही थी। ऐसे में ऐहतियात के तौर पर ट्रैप पिंजरे लगाए गए थे, जिसमें लेपर्ड बिना ट्रेंकुलाइज किए कैद हो गया।
जयपुर। जेएलएन मार्ग स्थित एमएनआईटी परिसर से मादा लेपर्ड को रेस्क्यू कर उसे नाहरगढ़ वन क्षेत्र में रिलीज किया। उप वन संरक्षक (वन्यजीव) जगदीश गुप्ता ने बताया कि सुबह लेपर्ड एमएनआईटी परिसर में लगाए ट्रैप पिंजरे में कैद हो गई। जिसे वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने नाहरगढ़ वन क्षेत्र में छोड़ दिया। रेंजर देवेन्द्र राठौड़ ने बताया कि यहां पिछले काफी समय से लेपर्ड के मूवमेंट की सूचना मिल रही थी। ऐसे में ऐहतियात के तौर पर ट्रैप पिंजरे लगाए गए थे, जिसमें लेपर्ड बिना ट्रेंकुलाइज किए कैद हो गया।
इससे पहले एमएनआईटी परिसर से गत दिनों एक नर लेपर्ड को रेस्क्यू कर नाहरगढ़ वन क्षेत्र में ही रिलीज किया था। हालांकि कई वन्यजीव प्रेमियों ने लेपर्ड को झालाना लेपर्ड रिजर्व के बजाए दूसरे वन क्षेत्र में रिलीज करने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह यहां के लेपर्ड्स को रेस्क्यू कर दूसरे वन क्षेत्रों में छोड़ा जाएगा, तो यहां से धीरे-धीरे लेपर्ड दिखना बंद हो जाएंगे। जिससे यहां के पर्यटन पर असर पड़ सकता है।
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