रामनिबास बाग में चूहों के बिलों में पेस्टीसाइड डाला
चूहों ने चिड़ियाघर व अल्बर्ट हॉल की नींव को किया खोखला
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को दो दिन बंद रखने के बाद पुन: पर्यटकों के अवलोकनार्थ खोला गया।
जयपुर। शहर के बीचों बीच स्थित रामनिवास बाग में चूहों के बढ़ते प्रभाव की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया है। इसके चलते रामनिवास बाग दो दिन बंद रखा गया था अब बुधवार से आमजन के लिए आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।
रामनिवास बाग में स्थित अल्बर्ट हॉल के सामने पक्षियों को दाना डालने, बाग परिसर में स्थित मंदिर व मजार के आसपास श्रद्धालुओं द्वारा भिखारियों को भोजन कराने व बाग में लगने वाले ठेले खोमचों द्वारा खाद्य वस्तुओं को बेचने के कारण बहुत अधिक संख्या में चूहे पनप गए हैं।
चूहों की बढ़ती संख्या से रामनिवास बाग स्थित इमारतों व पेड़-पौधों को भारी नुकसान होने के साथ ही साथ संक्रमण व महामारी फैलने की संभावना की रोकथाम के लिए पार्क में कीटनाशकों का उपयोग किया गया। कीटनाशकों की दुर्गन्ध से आमजन को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जेडीए ने रामनिवास बाग को दो दिन बंद रखकर चूहों के बिलों में पेस्टीसाइट डालकर उनकी जनसंख्या पर लगाम लगाने का काम किया।
जेडीए ने रामनिवास पार्क के विभिन्न हिस्सों में चूहों द्वारा किए गए बिलों में पेस्टीसाइट डालकर उनको बंद किया। कुछ चूहे तो बिलों के अंदर ही मर गए और कुछ चूहे बाहर आकर मर गए जिनको जेडीए प्रशासन ने हटा दिया। इस संबंध में जेडीए सचिव निशांत जैन ने एक आदेश जारी किए थे।
बिलों में डाला जिंक फास्फेट
चूहों के बिलों में जेडीए ने दो दिन चलाए अभियान के लिए दस टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने जिंक फॉस्फेट एवं मीठे तेल जिसमें सरसों, मूंगफली का तेल मिलाकर पाइपों के माध्यम से बिलों में डाला।
आज से फिर खुलेगा संग्रहालय
अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को दो दिन बंद रखने के बाद पुन: पर्यटकों के अवलोकनार्थ खोला जाएगा। पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ.पंकज धरेन्द्र ने बताया कि जेडीए की ओर से रामनिवास उद्यान में 30 से एक अक्टूबर तक चूहे नियंत्रण के लिए अभियान चलाया गया था। जो पूरा हो गया है।
अब 2 अक्टूबर से संग्रहालय पुन: पर्यटकों के अवलोकनार्थ खोल दिया जाएगा।
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