खड़े-खड़े धूल खा रहे करोड़ों के सफाई संसाधन

आवश्यकता से अधिक वाहन, नहीं हो रहा पूरा उपयोग, कुछ समय में हो जाएंगे कंडम

खड़े-खड़े धूल खा रहे करोड़ों के सफाई संसाधन

पूरे पांच साल निगम के पार्षद व जनप्रतिनिधि सफाई वाहनों की डिमांड करते ही रहते थे लेकिन उन्हें पूरे संसाधन तक नहीं मिल पाते थे।

कोटा। शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वाले नगर निगम में सफाई संसाधनों की हालत यह है कि यहां आवश्यकता से अधिक वाहन खरीद तो लिए है। लेकिन उनका पूरा उपयोग तक नहीं हो पा रहा। जिससे वे गैराज में खड़े-खड़े धूल खा रहे हैं।  पिछले भाजपा बोर्ड में जब एक नगर निगम थी। उस समय निगम में सफाई संसाधनों की काफी कमी थी। पूरे पांच साल निगम के पार्षद व जनप्रतिनिधि सफाई वाहनों की डिमांड करते ही रहते थे लेकिन उन्हें पूरे संसाधन तक नहीं मिल पाते थे। वहीं वर्तमान कांग्रेस बोर्ड में दो निगम बना दिए गए। पूर्व वर्ती कांग्रेस सरकार के समय में दोनों निगमों में सफाई संसाधनों की इतनी अधिक भरमार कर दी कि उन्हें रखने के लिए गैराज में जगह तक नहीं बची थी। 

सीवरेज मशीनों की संख्या काफी अधिक
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण में करीब दो दर्जन से अधिक सीवरेज मशीनें है। छोटी-बड़ी इन मशीनों का उपयोग सीवरेज चैम्बरों की सफाई के लिए किया जाता है। हालांकि इनका उपयोग रोजाना होता है। लेकिन गिनती की ही मशीनें काम  में आती है। अधिकतर मशीनें धूल खा रही है। इसी तरह से सार्वजनिक शौचालयों की सफाई के लिए जेटिंग मशीनें है। आॅटो जेटिग मशीनों की संख्या भी आवश्यकता से अधिक है। 

सफाई संसाधनों का उपयोग हो
कांग्रेस पार्षद इसरार मोहम्मद का कहना है कि जब निगम में सफाई के पर्याप्त संसाधन है। तो उनका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए। लेकिन कई बार हालत यह होती है कि पार्षद संसाधनों की डिमांड करते है लेकिन अधिकारियों की अनुमति के बिना उन संसाधनों को वार्डों में नहीं भेजा जाता। ऐसे में उन संसाधनों की उपयोगिता ही नहीं रह जाती है।  भाजपा पार्षद नवल हाड़ा का कहना है कि कई संसाधन तो अनावश्यक रूप से अधिक संख्या में क्रय कर लिए। जिससे सरकार के धन की बर्बादी की गई है। 

एक बार में करीब 20 हजार का खर्चा
जानकारों के अनुसार रोड स्वीपर व सुपर सकर मशीनें महंगी होने के साथ ही काफी बड़ी व भारी भरकम है। जिनका उपयोग करने  में एक बार में करीब 8 घंटे में 150 लीटर से अधिक डीजल का खर्चा होता है। चालक का खर्चा समेत एक बार में गैराज से निकलने पर एक मशीन का खर्चा 20 हजार रुपए आता है। यही हालत सुपर सकर मशीन की है। ऐसे में इन मशीनों का उपयोग बहुत कम होता है। 

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सीवरेज सफाई के रोबोट
शहर में सीवरेज सफाई के लिए आरयूआईडीपी की ओर से लाखों रुपए के दो रोबोट भी खरीदे गए थे। सीवरेज सफाई की आधुनिक व तकनीक का उपयोग करने के लिए इन्हें क्रय किया गया था। लेकिन जानकारों के अनुसार अभी तक इन रोबोट का एक दो बार ही उपयोग हुआ है। हालांकि अभी तक ये आरयूआईडीपी के अधिकार क्षेत्र में ही है। नगर निगमों को हैंडओवर नहीं हुए हैं।   

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रोड स्वीपर व सुपर सकर मशीनें
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण में सफाई के लिए भारी भरकम व करोड़ों रुपए की रोड स्वीपर मशीनें खरीदी गई है। स्वायत्त शासन विभग द्वारा दोनों निगमों को शुरुआत में दो-दो और बाद में इनकी संख्या बढाकर मशीनें दी गई। लेकिन हालत यह है कि इन मशीनों के आने के बाद बहुत कम समय के लिए ही इनका उपयोग हुआ है। इन मशीनों से मेन रोड व डिवाइडर साइड की सड़कों की ही सफाई की जाती है। हालांकि शहर में इन मशीनों का लम्बे समय से उपयोग नहीं होने से ये गैराज में खड़ी धूल खा रही है।  इसी तरह से सुपर सकर मशीन भी है। दोनों निगमों में ये एक-एक मशीनें है। लेकिन इनका  भी उपयोग बहुत कम हो रहा है।  जानकारों के अनुसार बरसात से पहले उन मशीनों को चलाना बंद किया था जो अभी तक बंद ही है। 

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एंटी स्मॉग गन भी बंद
दोनों नगर निगमों  में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के बजट से लाखों रुपए की एंटी स्मॉग गन मशीनें खरीदी गई थी। जिनका उपयोग प्रदूषण अधिक होने पर पानी का छिड़काव करने के लिए किया जाता है। गर्मी के समय में तो इनमें से कुछ मशीनों का उपयोग हुआ था लेकिन न तो बरसात के सीजन में इनकी जरू रत पड़ी और न ही अब सर्दी के सीजन में उपयोग हो पाएगा। ऐसे में ये अधिकर समय गैराज में खड़ी धूल खाती रहेंगी।

हाइड्रोलिक लेडर दमकल 
नगर निगम कोटा दक्षिण में करीब 15 करोड़ की लागत की हाईड्रोलिक लेडर दमकल क्रय की गई है। फिनलैंड से मंगवाई गई इस दमकल का उपयोग बहुमंजिला इमारतों में आग लगने पर करने के लिए किया जाएगा। हालत यह है कि इस दमकल के आने के बाद से एक दो बार ही इसका उपयोग हुआ है। हालांकि इसके एक बार खराब होने  पर ठीक होने में ही लाखों रुपए का खर्चा आता है। ऐसे में इसे श्रीनाथपुरम् स्थित अग्निशमन केन्द्र में समय-समय पर चलाकर देखा जाता है। जिससे यह सही बनी रहे। जबकि इससे पहले भी 2012 में करीब 6 करोड़ रुपए की एक छोटी हाइड्रोलिक दमकल भी खरीदी गई थी। वह भी फायर स्टेशन में खड़ी है। 

आयुक्त ने दिए निर्देश
निगम अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गैराज के सफाई संसाधनों को काम में लिया जाए। आगामी दिनों में त्योहारों को देखते हुए शहर की सफाई व्यवस्था को सुचारू किया जाए। 
- अशोक त्यागी, आयुक्त, कोटा उत्तर निगम

नगर निगम के गैराज में सफाई के पर्याप्त संसाधन है। आवश्यकता होने  पर  उप संसाधनों का उपयोग किया जाता है। रोड स्वीपर मशीनें पहले चल रही थी। बरसात के समय उन्हें बंद किया था। इसी तरह से एंटी स्मॉग गन भी बरसात में बंद की है। सीवरेज मशीनों को रोटेशन के हिसाब से भेजते रहते है। सफाई संसाधनों की खरीद डीएलबी के स्तर पर हुई है। अधिक व कम के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता।             
  - अजय बब्बर, सहायक अभियंता, प्रभारी गैराज, कोटा उत्तर निगम

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