सड़कों की गुणवत्ता जांचने के लिए सही नहीं लिए जा रहे है नमूने 

मरम्मत कार्य का अगले चार-पांच दिन में पूरा होना संभव नहीं हैं

सड़कों की गुणवत्ता जांचने के लिए सही नहीं लिए जा रहे है नमूने 

क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी मरम्मत कार्य का अगले चार-पांच दिन में पूरा होना संभव नहीं हैं।

जयपुर। प्रदेश में इन दिनों मानसून से खस्ताहाल सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य चल रहा है। इसी बीच पीडब्ल्यूडी की क्वालिटी कंट्रोल विंग ने एक आदेश जारी कर इन कार्यों को कटघरे में खड़ा कर दिया है अर्थात इस आदेश में सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए है। इसमें कहा गया है कि सड़कों की गुणवत्ता को जांचने के लिए जो नमूने लिए जा रहे हैं, वे सही नहीं है। इससे सड़क की मोटाई, मजबूती, बिटुमन सामग्री और घनत्व जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण नहीं हो रहा है। हालांकि विभाग ने क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त करने का कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन अभी मरम्मत कार्य का अगले चार-पांच दिन में पूरा होना संभव नहीं हैं।

क्यूसी इंजीनियर बीटी-सीसी कार्यों के नहीं लेते सही नमूने 
पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (क्यूसी) जसवंत लाल खत्री ने विभागीय निरीक्षणों में लापरवाही पाए जाने पर सख्त निर्देश जारी किए हैं। एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से सभी अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता (क्यूसी) को निर्देशित किया है कि वे सड़क निर्माण और रखरखाव कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण (क्यूसी) संबंधी प्रमुख परीक्षणों को अनिवार्य रूप से करें। अब तक की रिपोर्ट में पाया गया है कि कुछ क्यूसी इंजीनियर बीटी और सीसी कार्यों के नमूने नहीं लेते हैं और मोटाई, मजबूती, बिटुमिन सामग्री और घनत्व जैसे महत्वपूर्ण क्यूसी परीक्षणों के परिणाम की रिपोर्ट नहीं करते हैं। इसके बजाय इंजीनियरों की ओर से रिपोर्ट में सामान्य और महत्वहीन विशेषताओं का उल्लेख किया जा रहा है। सीई ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बीटी और सीसी कार्यों के नमूने लें। इसके बाद ही परीक्षणों की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करें। यदि निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो यह माना जाएगा कि संबंधित कार्य का निरीक्षण नहीं किया गया है।
हर साल खराब होती हैं 12 हजार किमी लंबी सड़कें
प्रदेश में बरसात के साथ ही विभिन्न कारणों से हर साल स्टेट हाइवे, एमडीआर, ओडीआर व वीआर की करीब 12 हजार किमी लंबी सड़कें डैमेज हो रही है। हर साल इन सड़कों के नवीनीकरण पर करोड़ों की राशि खर्च की जाती है। पिछले साल 2023-24 में 12 हजार 181 किलोमीटर लंबी 2901 सड़कों के नवीनीकरण के कार्य करवाए गए। इसमें स्टेट हाइवे व एमडीआर की 3656 किलोमीटर लंबी 619 सड़कें शामिल हैं, जबकि ओडीआर व वीआर की 8525 किलोमीटर लंबी 2282 सड़कों के नवीनीकरण के कार्य करवाए गए।

 

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