सेमी डीलक्स बसों का अनुबंध खत्म, यात्री साधारण बसों में धक्के खाने को मजबूर
आरामदायक बसें बंद होने से लंबी दूरी के यात्रियों का निजी बसों में जाना बन गया मजबूरी
पांच नई एक्सप्रेस बसों से चलाया जा रहा लंबे रूट का काम।
कोटा। कोटा से जयपुर व उदयपुर मार्ग की लंबी दूरी की आरामदायक सेमी डीलक्स रोडवेज बसों का अनुबंध खत्म होने से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब निजी बसों में सफर करना पड़ रहा है। रोडवेज ने अनुबंध खत्म होने के बाद उदयपुर व कोटा रूट पर नई मिली एक्सप्रेस बसों को लगा दिया है। यह बसे आधे समय आॅन लाइन दिखती आधे समय नहीं दिखती है। ऐसे में आॅन लाइन टिकट कराने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोटा डीपो की ओर से 20 नई बसों की डिमांड की गई थी उसमें अब तक पांच बसे ही मिली है। कुछ बसे अन्य डिपों की कोटा में शिफ्ट की है जिसे यात्रियों को कुछ रूट पर खटारा बसों से राहत मिली है। लेकिन अभी कोटा से बूंदी, झालावाड़, रावतभाटा, लाखेरी, केशवरायपाटन, उनियार टोंक के लिए पुरानी बसें चल रही है। कोटा आगार की ओर से चार माह पहले 20 बसों की डिमांड भेजी थी लेकिन एक भी बस नहीं मिली। उसके बाद 10 बसों की डिमांड भेजी तो उसमें से मात्र अभी तक 5 ही बसे मिली है। कोटा संभाग मुख्यालय होने बावजूद 5 ही बसे मिली जबकि बूंदी, बारां डिपो को चार चार बसे मिली है। पहले नई बसे जुलाई में आनी थी लेकिन सितंबर के प्रथम सप्ताह में दो बसे आई वहीं अक्टूबर में तीन बसे मिली। जिनको उदयपुर, जयपुर, अजमेर रूट पर लगाया है। पिछले एक दशक से कोटा रोडवेज आगार में बेड नई बसे गिनती की ही आने से लोगों पुरानी खटारा बसों को ही मरम्मत करके चलाया जा रहा है। यात्रियों इन खटारा बसों में सफर करना पड़ रहा है। बसे इतनी पुरानी हो चुकी आए दिन बे्रक डाउन हो रही है।
तीन बस स्टैंड का सफर तय किया, बसें लगातार घट रही
पिछले साठ साल में राजस्थान पथ परिवहन निगम ने तीन बस स्टैंड का सफर तय किया । लेकिन जिस प्रकार से शहर की आबादी बढ़ी उसके अनुसार ना तो बस स्टैंड का विस्तार हुआ ना ही बसों का। आज कोटा देश में शिक्षा नगरी के नाम से अपनी अलग पहचान बनाए हुए है । लेकिन यहां आज भी परिवहन के संसाधन सीमित ही हैं। आमजन के लिए रोडवेज सस्ता व सुगम साधन है लेकिन कोटा का दुर्भाग्य ही कहें ही यहां के बस स्टैंड में 157 बसें हुआ करती थी वह अब घटकर महज 63 रह गई है। यह कोटा की आबादी के हिसाब से बहुत कम है। संजय नगर में बना नया रोडवेज बस स्टैंड तो विशाल बन गया लेकिन अभी यहां से बसें कम ही संचालित होती है। जिससे लोगों को नयापुरा जाना मजबूरी बना हुआ है। बूंदी, जयपुर, नैनवां, टौंक, उनियारा, झालावाड़, बारां की बसें अभी नयापुरा बस स्टैंड की सवारियों से पूरी बस भरती है।
फैक्ट फाइल
02 डिपो कोटा में
68 कुल बसें
11 बसें अनुबंध की
05 मिड बसें
05 नई बसें
इनका कहना है
कोटा में पांच नई बसे मिली है। इसके अलावा अन्य डिपो से कुछ बसे कोटा डिपो में लगाई है। जिससे यात्रियों को पुरानी बसों में सफर नहीं करना पड़े। अभी लंबी दूरी की 4 बसों का अनुबंध खत्म होने से उनके स्थान पर एक्सप्रेस बसे लगाई है। नई सेमी डीलक्स बसे आने पर लंबे रूट पर लगाई जाएगी।
- अजय कुमार मीणा, मुख्य आगार प्रबंधक कोटा
बसे बंद होने से हो रही परेशानी
कोटा डिपो में लगातार बसे कम हो रही है। कोटा उदयपुर मार्ग पर सुबह 5 बजे व सुबह 5.30 बजे चलने वाली सेमी डीलक्स बसे सितंबर के पहले सप्ताह से ही बंद हो गई है। उसके स्थान पर एक्सप्रेस बसे लगा रखी है। 300 किमी का सफर तीन बायी टू सीट वाली बस में करना सजा से कम नहीं है। पहले दो बायी दो बसे आरामदायक थी जिससे सफर में थकान नहीं होती थी। नई बसों में सीटे इतनी छोटी के ही तीन लोग एक साथ बड़ी मुश्किल से बैठ पाते है। उस पर इस रूट एक्सप्रेस बसे चलाने से रास्ते से लोकल सवारी भी परिचालक बिठा लेते जिससे बस ओवर क्राउड हो जाती है। रोडवेज को लंबी दूरी सेमी डीलक्स बसे फिर से शुरू करनी चाहिए।
- राजेश गोस्वामी, यात्री. नयापुरा
जयपुर के लिए सुबह की बस बंद
कोटा डिपों में चार सेमी डीलक्स बसें अनुबंध पर चल रही थी। इससे लंबी दूरी की यात्रा करने में परेशानी नहीं होती थी। लेकिन यह बसे बंद होने से जयपुर और उदयपुर की लंबी दूरी के लिए एक्सप्रेस बसों में सफर करना पड़ता है। जिससे थकान होती है। अब ट्रावेल्स बसों में जयपुर जाना पड़ रहा है। जिसमें किराया जाना देना पड़ता है।
- अजय सिंह राणावत, यात्री सुभाष नगर
आॅन लाइन नहीं दिखती बसें
कोटा आगार में पहले बसों की कमी उस पर अनुबंध की चार बसे बंद होने से लंबे रूट पर सफर अब एक्सप्रेस बसों में करना पड़ रहा है। कोटा से उदयपुर के लिए पहले दो सेमी डिलक्स बसे चल रही थी दोनों ही बंद हो गई है। वहीं जयपुर के लिए भी दो बसे चल रही वो भी बंद हो गई उनके स्थान पर एक्सप्रेस बसे लगा दी वो आए दिन आॅनलाइन बुकिंग में वेसाइट पर नहीं दिखाई देती है। जिससे परेशानी हो रही है। कोटा को दो नई बसे मिली जिसमें एक को कोटा उदयपुर लगाया दूसरी को माउंटआबू लगाया है।
- विमला चौबीसा, यात्री. रिद्धि सिद्ध नगर
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