दिल्ली की राजनीति में हाथ आजमाने आए अजित पवार, पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारे
दिल्ली की राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने भी किस्मत आजमाने की योजना बनाई है। पार्टी प्रमुख ने अपनी इस योजना का ऐलान किया है
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी ने भी किस्मत आजमाने की योजना बनाई है। पार्टी प्रमुख ने अपनी इस योजना का ऐलान किया है। उनकी पार्टी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी। राष्ट्रीय राजधानी की इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में कदम रखते हुए उन्होंने 25-30 उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल कर लिए हैं, और पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार भी तय कर लिए हैं। एनसीपी लीडरशिप ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर मीटिंग की और बुरारी, बादली और सिलमपुर जैसी विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवार तय किए, जहां बुरारी से रतन त्यागी, बादली से मुलायम सिंह, किरारी से संजय सिंह प्रजापति, संगम विहार से उमर अली इद्रीसी और सिलमपुर जैसी मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट से रूही सलीम को उम्मीदवार बनाया है। महाराष्ट्र में अजित पवार की राजनीति : बता दें कि अजित पवार की पार्टी महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी है, लेकिन दिल्ली चुनाव के लिए पार्टी ने गठबंधन नहीं किया है। उन्होंने शरद पवार की पार्टी के दर्जनों विधायकों को तोड़कर महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार बनाने में मदद की थी। बाद में पार्टी और इसका चिन्ह भी अजित पवार को मिल गया और अभी पार्टी के अध्यक्ष हैं और महाराष्ट्र की सहयोगी सरकार में डिप्टी सीएम हैं।
दिल्ली की राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश
एनसीपी की योजना दिल्ली की राजनीति में अपना पैठ कायम करने की है, जहां अभी तीन प्रमुख पार्टियां आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस का प्रभुत्व है। कांग्रेस ने जहां दिल्ली में दशकों लंबा शासन किया है, पार्टी की तरफ से सिर्फ शीला दीक्षित ही तीन बार मुख्यमंत्री रही हैं। इनके अलावा दस साल से ज्यादा समय से यहां आम आदमी पार्टी की सरकार है और इस दरमियान अरविंद केजरीवाल तीन बार मुख्यमंत्री बने हैं। फिलहाल यहां की सीएम आतिशी हैं। वहीं बीजेपी पिछले 26 साल से दिल्ली में सत्ता में आने की जद्दोजहद कर रही है।
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