डॉ.प्रेम कुमार सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए
बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष बने डॉ. प्रेम कुमार
पटना में भाजपा नेता और पूर्व मंत्री डॉ. प्रेम कुमार सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। प्रोटेम स्पीकर ने बताया कि उनके खिलाफ कोई नामांकन नहीं हुआ। चयन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुँचा सम्मान दिया।
पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ.प्रेम कुमार मंगलवार को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। बिहार विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने भोजनावकाश से पहले सर्वसम्मति से प्रेम कुमार के इस पद पर चुने जाने की घोषणा की। श्री यादव ने कहा कि श्री कुमार के खिलाफ किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नही किया है, इसलिए उन्हें सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है।
प्रेम कुमार के अध्यक्ष चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) नेता तेजस्वी यादव उन्हें आदर के साथ अध्यक्ष के लिए निर्धारित की कुर्सी तक ले गए।
इससे पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेम कुमार का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया और संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने उनके प्रस्ताव का अनुमोदन किया। प्रोटेम स्पीकर श्री यादव ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रेम कुमार के पक्ष में चार प्रस्ताव पेश किए गए। प्रस्तावकों में दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, मंत्री श्रवण कुमार और विधायक संजय सरावगी के नाम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री कुमार के राज्य विधानसभा का अध्यक्ष चुने जाने के बाद कहा कि वह सभी सदस्यों के बहुत आभारी हैं, जिन्होंने सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुनने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एक मंत्री के तौर पर प्रेम कुमार का योगदान बहुत सरहनीय रहा है और उम्मीद है कि अध्यक्ष के तौर पर भी उनके लंबे अनुभव से सदन को फायदा मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि विधानसभा के सभी सदस्य सदन को सुचारू रूप से चलाने में श्री कुमार का सहयोग करेंगे।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने नए अध्यक्ष प्रेम कुमार को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें सदन में विपक्ष के नेता, मंत्री और पार्टी के संगठन का लंबा अनुभव हासिल है। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने प्रेम कुमार को अनुभव की किताब बताया और उम्मीद जताई कि उनके रहते सदन की पवित्रता बनी रहेगी।

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