भारतीय कंपनी ने मॉस्को भेजी विस्फोटक बनाने की सामग्री, दिन-रात काम कर रहीं रूसी हथियार कंपनियां
अमेरिका ने रूस को एचएमएक्स बेचने पर दी है प्रतिबंध की चेतावनी
भारत और रूस के संबंध काफी पुराने हैं। जब-जब भारत मुश्किल में आया है, तब-तब रूस ने मदद की है
नई दिल्ली। भारत और रूस के संबंध काफी पुराने हैं। जब-जब भारत मुश्किल में आया है, तब-तब रूस ने मदद की है। भारत ने भी इस अहसान के बदले में बहुत कुछ दिया है। हालांकि, भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध से दूरी बनाए रखी है। भारत के शीर्ष नेतृत्व ने कई मौकों पर दोनों देशों को संदेश दिया है कि यह समय युद्ध का नहीं है। ऐसे में रूस और यूक्रेन को बातचीत करते ही अपने विवादों को सुलझाना होगा। इस बीच न्यूज एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत की एक कंपनी ने रूस को विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाला एक केमिकल भेजा है। रिपोर्ट में भारतीय सीमा शुल्क के आंकड़ों के आधार पर दावा किया है कि एक भारतीय कंपनी ने दिसंबर में सैन्य उपयोग के लिए 1.4 मिलियन डॉलर की कीमत का एक विस्फोटक कंपाउंड रूस भेजा था। इस कंपाउंड को एचएमएक्स या ऑक्टोजेन के नाम से जाना जाता है। इसे प्राप्त करने वाली रूसी कंपनियों में से एक प्रोम्सिन्टेज है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रोम्सिन्टेज रूसी सेना के लिए विस्फोटकों का निर्माण करती है। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी के अधिकारी ने भी दावा किया है कि प्रोम्सिन्टेज का संबंध रूसी सेना से है।
दिन-रात काम कर रहीं रूसी हथियार कंपनियां
रूस की हथियार बनाने वाली कंपनियां पिछले कई वर्षों से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध को जारी रखने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था, तब से यह युद्ध आज तक जारी है और यु्द्ध विराम की कोई संभावना भी नहीं दिख रही है। ऐसे में अमेरिका ने यूक्रेन को बचाने के लिए रूस पर प्रतिबंधों की बौछार की हुई है। अमेरिका के देखा-देखी दर्जनों पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं और रूसियों की संपत्तियों को जब्त किया है।
अमेरिका लगा सकता है प्रतिबंध: रिपोर्ट में प्रतिबंध की वकालत करने वाले तीन जानकारों के अनुसार, अमेरिकी वित्त विभाग के पास रूस को एचएमएक्स और इसी तरह के पदार्थ बेचने वालों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है। एचएमएक्स को उच्च विस्फोटक माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह तेजी से विस्फोट करता है और अधिकतम विनाश के लिए डिजाइन किया गया है। रायटर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि उसके पास इस बात के कोई संकेत नहीं है कि एचएमएक्स की खेपों ने भारत सरकार की नीति का उल्लंघन किया है।
अमेरिका ने रूस को एचएमएक्स बेचने पर दी है प्रतिबंध की चेतावनी
अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन ने अप्रैल में प्रोम्सिन्टेज के स्वामित्व वाली एक फैक्ट्री पर ड्रोन हमला किया था। पेंटागन के डिफेंस टेक्निकल इंफॉर्मेशन सेंटर और संबंधित रक्षा अनुसंधान कार्यक्रमों के अनुसार, एचएमएक्स का व्यापक रूप से मिसाइल और टारपीडो वारहेड, रॉकेट मोटर्स, विस्फोटक प्रोजेक्टाइल और अडवांस मिलिट्री सिस्टम्स के लिए प्लास्टिक में बंधे विस्फोटकों में उपयोग किया जाता है। अमेरिका ने एचएमएक्स को रूस के युद्ध प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण बताया है और वित्तीय संस्थानों को मास्को को इस पदार्थ की किसी भी बिक्री में मदद करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

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