सहकारी समितियों को 2,000 करोड़ की राहत, खाद्य सुरक्षा को मिलेगा नया इंफ्रास्ट्रक्चर

कृषि-रेलवे से जुड़ी योजनाओं को मोदी कैबिनेट की मंजूरी 

सहकारी समितियों को 2,000 करोड़ की राहत, खाद्य सुरक्षा को मिलेगा नया इंफ्रास्ट्रक्चर

मोदी कैबिनेट ने किसान, सहकारी संस्थान और भारत की आधारभूत बुनियादी संरचना को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि और रेलवे से जुड़ी कई योजनाएं को मंजूरी प्रदान की

नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने किसान, सहकारी संस्थान और भारत की आधारभूत बुनियादी संरचना को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि और रेलवे से जुड़ी कई योजनाएं को मंजूरी प्रदान की। मोदी कैबिनेट में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को चार साल के लिए 2,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ केंद्रीय क्षेत्र योजना अनुदान सहायता को मंजूरी दे दी है, जो प्रत्येक वर्ष 500 करोड़ रुपए के बराबर है। वहीं पीएम कृषि संपदा योजना में 6520 करोड़ रुपए की वित्तीय आउटले बढ़ाया गया है। लैब व ढांचागत सुविधा के लिए एक हजार करोड़ की अतिरिक्त सहायता देने का ऐलान किया है। इसके तहत फूड टैस्टिंग लैब और इरिडेशन यूनिट लगाई जाएंगी।

मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना को सुदृढ़ करने के लिए भी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6520 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन सेंटर और 100 फूड टेस्टिंग लैब स्थापित की जाएंगी, जो खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को बढ़ावा देंगी। वहीं एनसीडीसी चार वर्षों की अवधि में ओपन मार्केट से 20,000 करोड़ रुपए जुटा सकेगा। एनसीडीसी द्वारा इस धनराशि का उपयोग सहकारी समितियों को नई परियोजनाएं स्थापित करने, प्लांट के विस्तार के लिए ऋण देने के लिए किया जाएगा। एनसीडीसी को 2,000 करोड़ रुपए के अनुदान की फंडिंग भारत सरकार से बजटीय सहायता के माध्यम से होगा। वैष्णव ने बताया कि देश भर में डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, स्टोरेज और कोल्ड स्टोरेज: श्रम और महिला नेतृत्व वाली सहकारी समितियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों की 13,288 सहकारी समितियों के लगभग 2.9 करोड़ सदस्यों को एनसीडीसी अनुदान की मंजूरी से लाभ मिलेगा।

चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को भी मंजूरी
मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क लगभग 574 किलोमीटर बढ़ जाएगा। इन परियोजनाओं की कुल लागत 11,169 करोड़ रुपए आंकी गई है। इन प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 2,309 गांवों तक सम्पर्क बढ़ेगा, जो लगभग 43 लाख लोगों की आबादी को सीधा लाभ पहुंचाएंगे। यह परियोजनाएं आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए अहम मार्गों पर गतिशीलता को बढ़ावा देंगी। वहीं रेलवे की चार परियोजनाएं को भी मोदी कैबिनेट मंजूरी प्रदान की इसमें इटारसी-नागपुर चौथी रेल लाइन, अलुअबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन छत्रपति संभाजीनगर-परभणी डबलिंग, डांगाापोसी-जरौली तीसरी और चौथी लाइन प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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