वकील ने कोर्ट में आवेदन दिया राहुल गांधी की जान को खतरा : पार्टी ने कहा- बिना सहमति दाखिल किया
इतिहास को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए
राहुल गांधी ने अदालत से आग्रह किया कि उनकी सुरक्षा के लिए इन खतरों को गंभीरता से लिया जाए, क्योंकि उनकी जान को खतरा वास्तविक और गंभीर है।
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पुणे की एक अदालत में आवेदन देकर दावा किया कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। यह आवेदन सावरकर पर उनकी टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में दिया गया। उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि इतिहास को खुद को दोहराने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। शाम को पार्टी मीडिया सेल की प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने इस पर स्पष्टिकरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी के वकील ने उनकी सहमति के बिना ही आवेदन दिया है।
राहुल गांधी गुरुवार को इसे वापस लेंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी के वकील ने एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट से अपील की थी कि राहुल गांधी की सुरक्षा और केस की निष्पक्ष सुनवाई के लिए प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन दी जाए। यह राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी है। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी। राहुल के वकील मिलिंद पवार ने कोर्ट में लिखित सूचना देकर कहा कि वोट चोरी का मामला उजागर करने के बाद राहुल गांधी को खतरा बढ़ गया है।
भाजपा नेता ने दी दादी जैसा अंजाम होने की धमकी
मिलिंद ने बताया कि बीजेपी नेता आरएन बिट्टू ने राहुल को आतंकवादी कहा था, जबकि बीजेपी नेता तरविंदर मारवाह ने खुली धमकी दी कि अगर राहुल सही व्यवहार नहीं करेंगे तो उनका अंजाम उनकी दादी जैसा हो सकता है। शिकायतकर्ता सत्यकी का संबंध सावरकर और गोडसे परिवार से है। वह अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं। आवेदन के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था कि यह स्पष्ट, तार्किक और ठोस आशंका है कि मुझे नुकसान पहुंचाया जा सकता है। झूठे मामलों में फंसाया जा सकता है या अन्य तरीकों से निशाना बनाया जा सकता है। राहुल गांधी ने अदालत से आग्रह किया कि उनकी सुरक्षा के लिए इन खतरों को गंभीरता से लिया जाए, क्योंकि उनकी जान को खतरा वास्तविक और गंभीर है।

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