क्या आप भी करते हैं iPhone, iPad या Mac का इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान, अभी कर लें ये छोटा सा काम वरना...
iPhone–Mac यूजर्स पर बड़ा साइबर खतरा
CERT-In ने iPhone, iPad, Mac, Apple Watch और अन्य Apple प्रोडक्ट्स के लिए हाई-सेवेरिटी सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया है। पुराने सॉफ्टवेयर वर्ज़न में गंभीर कमजोरियाँ पाई गई हैं, जिन्हें एक्सप्लॉइट कर हैकर्स डिवाइस क्रैश, डेटा चोरी और स्पूफिंग कर सकते हैं। यूजर्स को तुरंत लेटेस्ट अपडेट इंस्टॉल करने की सलाह दी गई है।
मुंबई। iPhone, iPad, Mac, Apple Watch, Safari, tvOS और Xcode सहित कई Apple प्रोडक्ट्स के लिए इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने हाई सेवेरिटी सिक्योरिटी वार्निंग जारी करते हुए कहा है कि, इनके यूजर्स पर साइबर सिक्युरिटी का बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है, यदि आपने फौरन ये काम नहीं किया तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके आगे एडवाइजरी में बताया गया है कि कौन कौन से ऐसे प्रोडक्ट्स है जो कि प्रभावित हो सकते हैं।
प्रभावित प्रोडक्ट्स
CERT-In के अनुसार, पुराने सॉफ्टवेयर वर्जन पर चलने वाले सभी Apple के प्रोडक्ट्स पूरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं। जिनमें 26.1 से पहले के iOS और iPadOS वर्जन, 15.1 से पहले के macOS Sequoia वर्जन, 13.7.1 से पहले के macOS Ventura, और 12.7.2 से पहले के macOS Monterey, 11.1 से पहले के watchOS वर्जन, 18.1 से पहले के tvOS वर्जन, 17.6.1 से पहले के Safari वर्जन, 2.1 से पहले के visionOS वर्जन और 15.4 से पहले के Xcode वर्ज़न आदि शामिल है।
बता दें कि, CERT-In ने इन सभी संभावित जोखिमों के कारण इसे हाई सीवेरिटी रेटिंग में रखा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अगर वल्नरेबिलिटीज को एक्सप्लॉइट कर दिया जाए तो सिक्युरिटी अटैकर्स ये सभी काम कर सकते हैं जैसे कि: आपके डिवाइस पर आर्बिट्रेरी कोड को एक्सीक्यूट करना, एलिवेटेड प्रिविलेज को हासिल करना, आपकी निजी जानकारी को हासिल करना और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करना, आपके पर्सनल डाटा में चेंज करना और उसे अपने हिसाब से अपडेट करना, डिवाइस के सिस्टम कंपोनेंट्स को स्पूफ करना और सबसे जरूर आपे डिवास को क्रैश करना आदि।
जानें यूजर्स को क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
एडवाइजरी में आगे बताया गया है कि, उपयोगकर्ताओं को कंपनी के द्वारा दिए गए सबसे नए सॉफ़्टवेयर वर्ज़न को अपने डिवाइस में तुरंत अपडेट करना चाहिए ताकि वल्नरेबिलिटीज़ के लिए सिक्योरिटी फिक्स हो सके और कोई भी अटेकर्स आपके निजी का गलत उपयोग नहीं कर सके। इसके साथ ही कंपनी की एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि, उपयोगकर्ताओं को अपने डिवाइस में ऑटोमेटिक अपडेट्स को इनेबल रखना चाहिए ताकि आपको नए सॉफ्टवेयर की जानकारी तुरंत मिल सके और आप पास अटैक्स का जोखिम कम हो सके।

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