इंफाल और गुवाहाटी में 88 करोड़ की मेथमफेटामाइन गोलियों की खेप जब्त, अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया के 4 सदस्य गिरफ्तार
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ड्रग कार्टेल के लिए कोई रहम नहीं
ड्रग की यह खेप जांच के लिए अपनाए जा रहे बॉटम टु टॉप और टॉप टु बॉटम अप्रोच की शानदार सफलता का प्रमाण है
नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने नशा मुक्त भारत बनाने की मोदी सरकार की मुहिम को गति देते हुए इंफाल और गुवाहाटी जोन से 88 करोड़ रुपये की मेथमफेटामाइन गोलियों की एक बड़ी खेप जब्त कर अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सरकार की ओर से ड्रग माफिया पर कोई रहम नहीं किया जाएगा। उन्होंने 88 करोड़ रुपये की मेथमफेटामाइन गोलियों की एक बड़ी खेप जब्त करने और अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को बधाई देते हुए कहा कि ड्रग्स की बड़े पैमाने पर हुई यह बरामदगी जांच के लिए अपनाए जा रहे बॉटम टु टॉप और टॉप टु बॉटम अप्रोच की शानदार सफलता का प्रमाण है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ड्रग कार्टेल के लिए कोई रहम नहीं। मोदी सरकार के नशा मुक्त भारत के निर्माण के अभियान को गति देते हुए 88 करोड़ रुपये की मेथमफेटामाइन गोलियों की एक बड़ी खेप जब्त की गई और इंफाल एवं गुवाहाटी जोन में अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। ड्रग की यह खेप जांच के लिए अपनाए जा रहे बॉटम टु टॉप और टॉप टु बॉटम अप्रोच की शानदार सफलता का प्रमाण है। ड्रग्स की हमारी तलाश जारी है। ब्यूरो की टीम को हार्दिक बधाई।
ब्यूरो के इम्फाल जोन के अधिकारियों ने पहली कार्रवाई में 13 मार्च को सूचना के आधार पर लिलोंग क्षेत्र के पास एक ट्रक को रोका और वाहन की पूरी तरह से टोह लेने के बाद ट्रक के पिछले हिस्से में टूल बॉक्स, केबिन से 102.39 किलोग्राम मेथमफेटामाइन की गोलियां बरामद कीं। ट्रक में सवार दो लोगों को पकड़ा भी गया। बिना किसी देरी के टीम ने तुरंत एक फॉलो अप कार्रवाई की और लिलोंग क्षेत्र से प्रतिबंधित सामग्री के संदिग्ध रिसीवर को पकड़ लिया। उसके पास से एक चार पहिया वाहन भी बरामद किया गया, जिसका इस्तेमाल ड्रग तस्करी के लिए किया जाता था। बाद में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रतिबंधित सामग्री का संदिग्ध स्रोत मोरेह है। मामले में शामिल अन्य लोगों को पकडऩे के लिए आगे की जांच जारी है।
सूचना के आधार पर उसी दिन एक अन्य अभियान में ब्यूरो के गुवाहाटी जोन के अधिकारियों ने सिलचर के पास असम-मिजोरम सीमा पर एक एस यू वी कार को रोका और उसकी गहन तलाशी ली, जिसमें वाहन के स्पेयर टायर के अंदर छिपाई गई 7.48 किलोग्राम मेथमफेटामाइन गोलियां बरामद हुईं और वाहन सवार को भी पकड़ लिया, जिसे बाद में गिरफ़्तार कर लिया गया। तस्करी का स्रोत मणिपुर का मोरेह था और संदिग्ध गंतव्य करीमगंज था। मामले में शामिल अन्य लोगों को पकडऩे के लिए आगे की जांच जारी है।
एक अन्य घटनाक्रम में ब्यूरो, मिजोरम सरकार के आबकारी विभाग से एक मामले की जांच भी अपने हाथ में ले रहा है, जिसमें छह मार्च को ब्रिगेड बावंगकॉन एजल में लगभग 46 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ जब्त किया गया था। इस मामले में ड्रग सिंडिकेट में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ड्रग तस्करी नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय और अंतर-राज्यीय संबंधों की जांच के लिए ब्यूरो द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र भौगोलिक स्थिति के कारण मादक पदार्थों की तस्करी के ²ष्टिकोण से भारत के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक के रूप में उभरा है। इस संवेदनशील पहलू को पहचानते हुए गृह मंत्रालय ने क्षेत्र में ड्रग्स के खिलाफ युद्ध को और मजबूत करने के लिए वर्ष 2023 में हृष्टक्च की ताकत बढ़ाई थी। ब्यूरो अपनी पांच क्षेत्रीय इकाइयों और पूर्वोत्तर में एक क्षेत्रीय मुख्यालय के माध्यम से क्षेत्र में सक्रिय मादक पदार्थों, विशेष रूप से मेथमफेटामाइन टैबलेट जैसे ङ्क्षसथेटिक ड्रग्स की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ लगातार काम कर रहा है। मेथमफेटामाइन टैबलेट को याबा के नाम से जाना जाता है और इसने न केवल क्षेत्र की युवा आबादी के लिए बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा किया है।
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