एक उद्योग घराने के लिए नियमों में किए जा रहे बदलाव : देश में किया जा रहा है इनका निजीकरण, कांग्रेस ने कहा- हवाई अड्डों को घाटे में दिखाया जाता है और बेच दिया जाता है
विधेयक 10 फरवरी को राज्यसभा में पेश
उन्होंने कहा कि सरकार की उड़ान योजना विफल हो रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को जमीन पर उतारने के वास्तविक प्रयास करने आवश्यक है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राज्यसभा में कहा कि देश में एक उद्योग घराने को लाभ पहुंचाने के लिए हवाई अड्डा संचालन के नियमों में बदलाव किये जा रहे हैं और इनका निजीकरण किया जा रहा है। कांग्रेस के नीरज डांगी ने सदन में 'वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक 2025 पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि हवाई अड्डों का निजीकरण किया जा रहा है। एक उद्योग घराना काबिज होता जा रहा है। एक विशेष उद्योग घराने के हित के अनुरुप नियम बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की सिफारिशों को दरकिनार किया गया है। हवाई अड्डों को घाटे में दिखाया जाता है और बेच दिया जाता है।
इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सदन में 'वायुयान वस्तुओं में हित संरक्षण विधेयक 2025 चर्चा के लिए पेश किया। यह विधेयक 10 फरवरी को राज्यसभा में पेश किया गया। यह भारत में लागू होने वाले कई अंतरराष्ट्रीय समझौतों को कानूनी प्रभाव देता है। डांगी ने कहा कि देश में हवाई अड्डों के संचालन में एकाधिकार स्थापित होता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार की उड़ान योजना विफल हो रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को जमीन पर उतारने के वास्तविक प्रयास करने आवश्यक है। हवाई अड्डों पर दुर्घटनाएं बढ़ रही है। राजनीतिक और चुनावी लाभ लेने के लिए अधूरे या निर्माणाधीन हवाई अडडों को उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने बेंगलुरु, अंडमान - निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली हवाई अडडे, भुवनेश्वर और अन्य हवाई अड्डों पर हुई दुर्घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने हवाई अड्डे और विमानन कंपनियों के वित्तीय मॉडल का भी उल्लेख किया।
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