डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में सजा, सजा पाने वाले अमेरिकी इतिहास के पहले राष्ट्रपति

दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं

डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में सजा, सजा पाने वाले अमेरिकी इतिहास के पहले राष्ट्रपति

कोर्ट ने ट्रम्प को जेल न भेजकर बिना किसी शर्त बरी कर दिया है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस मर्चेन ने कहा, मैं आपके दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं।

नई दिल्ली। स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े हश मनी मामले में ट्रंप को बिना शर्त रिहाई की सजा सुनाई गई है। इसका मतलब है कि ट्रंप को किसी भी जुर्माने परिवीक्षा या जेल की सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा। ट्रंप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए। ट्रंप ने मामले को राजनीतिक षड्यंत्र बताया। कोर्ट में सुनवाई के  दौरान ट्रंप ने कहा यह बहुत ही भयानक अनुभव रहा। डोनाल्ड ट्रंप को सभी 34 मामलों में बिना किसी पेनल्टी के सजा सुनाई है। इस सजा का मतलब है कि ट्रंप को किसी भी जुर्माने, परिवीक्षा या जेल की सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि वे एक अपराधी साबित हो चुके शख्स के तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की शपथ लेंगे, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचेगा। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिकी इतिहास में सजा पाने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं। न्यूयॉर्क की मैनहेटन कोर्ट ने ट्रम्प को जेल न भेजकर बिना किसी शर्त बरी कर दिया है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस मर्चेन ने कहा, मैं आपके दूसरे कार्यकाल में सफलता की कामना करता हूं।

बिना शर्त छोड़ना ही सही सजा होगी
जस्टिस मर्चेन ने कोर्ट को कहा कि इस देश के सर्वोच्च पद (राष्ट्रपति) की शक्तियों में दखलंदाजी किए बगैर ट्रम्प को बिना शर्त छोड़ना ही सही सजा होगी। ट्रम्प ये सुनकर चुप रहे और उनकी स्क्रीन एकदम से बंद हो गई। ट्रम्प को उनके शपथ ग्रहण से ठीक 10 दिन पहले सजा सुनाई गई। उन्हें ये सजा पिछले साल जुलाई में ही सुनाई जानी थी, जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ता। इसके चलते वे बार-बार सजा को टलवाते रहे। वे 20 जनवरी को शपथ लेंगे। ट्रम्प ने सजा से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। हालांकि कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।

ये कोर्ट सिस्टम के बिल्कुल ठीक नहीं : ट्रम्प
सजा सुनाने की शुरुआत जज जोशुआ स्टीनग्लास ने की। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने सुनवाई के दौरान कोर्ट पर जिस तरह के आरोप लगाए उनसे न्यायिक व्यवस्था की छवि को नुकसान हुआ है। ट्रम्प ने अपने किए पर पछताने की बजाए कोर्ट के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया।ये सुनकर ट्रम्प ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी बस ना में सिर हिलाया। स्टीनग्लास के बाद ट्रम्प के बोलने की बारी आई। उन्होंने कहा-ये केस उनके लिए बहुत बुरा अनुभव है, ये न्यूयॉर्क और उसके कोर्ट सिस्टम के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने जस्टिस डिपार्टमेंट पर मिलीभगत का आरोप लगाया। ट्रम्प ने कहा, मैं निर्दोष हूं, मेरे साथ भेदभाव हुआ है।

शपथ के 10 दिन पहले सजा क्यों
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जज जुआन मर्चेन ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसके बाद ट्रम्प को राष्ट्रपति को मिलने वाली कानूनी छूटों का फायदा मिल सकता है। इस कारण राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ट्रम्प की सजा की घोषणा करना जरूरी है। अमेरिका के संविधान के आर्टिकल 2 के सेक्शन 4 के मुताबिक, राष्ट्रपति को उनके पद पर रहते हुए किसी भी आपराधिक मामले में सजा नहीं दी जा सकती। 

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