यमुना जल समझौते को लेकर प्रदेश की जनता से विश्वासघात किया : डोटासरा
यमुना जल नहीं, राजस्थान के साथ छल है
पहले हरियाणा का दावा 13 हजार क्यूसेक पानी पर और बाद में 18 हजार क्यूसेक पानी पर था।
जयपुर। पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा ने यमुना जल समझौते को लेकर भजनलाल सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यमुना जल नहीं, राजस्थान के साथ छल है। राज्य की भाजपा सरकार ने यमुना जल समझौते को लेकर राजस्थान की जनता के साथ विश्वासघात किया है। एमओयू में राजस्थान के हितों को गिरवी रखकर हरियाणा को मालिक बनाने वाली भाजपा सरकार शेखावाटी की जनता को भ्रमित करके थोथी वाह वाहीं लूटना चाहती है। सच्चाई ये है कि 17 फरवरी 2024 को राजस्थान और हरियाणा के बीच नए सिरे से डीपीआर बनाने के लिए हुए एमओयू में 1994 के मूल समझौते की शर्तों का उल्लंघन और राजस्थान के हितों का आत्मसमर्पण है।
नए समझौते के अनुसार हरियाणा को पहले 24 हजार क्यूसेक पानी मिलेगा और उसके बाद यदि पानी बचेगा या बारिश के मौसम में अतिरिक्त पानी आएगा, तब राजस्थान को पानी दिया जाएगा। इस समझौते में राजस्थान के हितों का सरेंडर एवं सबसे बड़ी नाकामी ये है कि मुख्यमंत्री भजनलाल ने हरियाणा की मनमर्जी के आगे घुटने टेक दिए। जल बंटवारे पर केन्द्रीय जल आयोग का नियंत्रण होता है, लेकिन बावजूद इसके हरियाणा ने अपनी मर्जी से 24 हजार क्यूसेक पानी तय कर लिया। जबकि पहले हरियाणा का दावा 13 हजार क्यूसेक पानी पर और बाद में 18 हजार क्यूसेक पानी पर था। राजस्थान के हितों से खिलवाड़ होने के बाद भी मुख्यमंत्री भजनलाल ने बिना सोचे समझे समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। भाजपा सरकार राजनीतिक डर से 11 महीने बाद भी ना तो एमओयू को सार्वजनिक कर पा रही है और ना ही जनता के सामने प्रगति रिपोर्ट पेश कर पा रही है। जबकि सरकार को 17 जून 2024 तक नई डीपीआर बनानी थी। शेखावाटी की जनता को यमुना का पानी पहुंचाने के लिए हमारी कांग्रेस सरकार ने मूल समझौते के तहत 31 हजार करोड़ की डीपीआर बनाकर केन्द्रीय जल आयोग को भेजी थी, लेकिन तब केन्द्र सरकार ने परियोजना को आगे बढ़ने नहीं दिया।
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