एपस्टीन फाइल्स विवाद: अमेरिकी न्याय विभाग की वेबसाइट से दस्तावेज़ गायब, ट्रंप की तस्वीर हटने से मचा सियासी और कानूनी भूचाल

एसोसिएटेड प्रेस की समीक्षा में खुलासा

एपस्टीन फाइल्स विवाद: अमेरिकी न्याय विभाग की वेबसाइट से दस्तावेज़ गायब, ट्रंप की तस्वीर हटने से मचा सियासी और कानूनी भूचाल

दोषी सेक्स अपराधी जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज़ एक बार फिर अमेरिकी राजनीति, न्याय व्यवस्था और सत्ता के गलियारों में हलचल मचा रहे हैं। एसोसिएटेड प्रेस (AP) की एक विस्तृत समीक्षा के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग (US Department of Justice – DOJ) की सार्वजनिक वेबसाइट से कम से कम

वॉशिंगटन। दोषी सेक्स अपराधी जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज़ एक बार फिर अमेरिकी राजनीति, न्याय व्यवस्था और सत्ता के गलियारों में हलचल मचा रहे हैं। एसोसिएटेड प्रेस (AP) की एक विस्तृत समीक्षा के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग (US Department of Justice – DOJ) की सार्वजनिक वेबसाइट से कम से कम 16 ऐसे दस्तावेज़ रहस्यमय ढंग से गायब हो गए, जो एपस्टीन केस से जुड़े थे। इन दस्तावेज़ों में एक ऐसी इमेज भी शामिल थी, जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिखाई दे रहे थे।

ये फाइलें शुक्रवार तक वेबसाइट पर उपलब्ध थीं, लेकिन शनिवार को बिना किसी आधिकारिक नोटिस, स्पष्टीकरण या सार्वजनिक घोषणा के एक्सेस से बाहर हो गईं। इस अचानक हुई कार्रवाई ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर अटकलों को जन्म दिया, बल्कि एपस्टीन केस में वर्षों से चली आ रही पारदर्शिता की कमी पर भी नए सिरे से बहस छेड़ दी।

क्या-क्या हुआ गायब?

AP के मुताबिक, जो दस्तावेज़ गायब हुए हैं, उनमें सिर्फ टेक्स्ट फाइलें ही नहीं, बल्कि कई अहम तस्वीरें और इमेज भी शामिल थीं। इनमें कुछ आर्टवर्क की तस्वीरें थीं, जिनमें नग्न महिलाओं को दर्शाया गया था। इसके अलावा एक तस्वीर ऐसी थी जिसमें एक क्रेडेंज़ा (फर्नीचर) और उसके दराजों के भीतर रखी तस्वीरें दिखाई दे रही थीं। इन्हीं दराजों की एक तस्वीर में डोनाल्ड ट्रंप की एक फोटो भी शामिल थी, जिसमें वह जेफरी एपस्टीन, अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप और एपस्टीन की लंबे समय से सहयोगी और बाद में दोषी ठहराई गई घिसलेन मैक्सवेल के साथ नजर आ रहे थे। हालांकि, इस बात का कोई संकेत नहीं है कि इन तस्वीरों का किसी आपराधिक मामले में सीधा इस्तेमाल हुआ हो, लेकिन इनका अचानक गायब होना कई सवाल खड़े करता है।

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न्याय विभाग की चुप्पी

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सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अमेरिकी न्याय विभाग ने इन फाइलों के हटने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। यह भी साफ नहीं किया गया कि ये दस्तावेज़ जानबूझकर हटाए गए या किसी तकनीकी गलती के चलते वेबसाइट से गायब हुए। AP ने जब इस बारे में सवाल पूछे, तो न्याय विभाग के प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोध पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस चुप्पी ने संदेह को और गहरा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब मामला इतना संवेदनशील हो और उसमें प्रभावशाली लोगों के नाम या तस्वीरें जुड़ी हों, तो पारदर्शिता की कमी अपने आप में एक बड़ा मुद्दा बन जाती है।

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ऑनलाइन अटकलें और राजनीतिक प्रतिक्रिया

दस्तावेज़ों के अचानक गायब होने के बाद सोशल मीडिया पर अटकलों की बाढ़ आ गई। कई यूज़र्स ने सवाल उठाया कि आखिर क्या छिपाया जा रहा है और किसके हित में यह कदम उठाया गया। हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेटिक सदस्यों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में इन गायब इमेज की ओर इशारा करते हुए लिखा, “और क्या छिपाया जा रहा है? हमें अमेरिकी जनता के लिए ट्रांसपेरेंसी चाहिए।” इस बयान ने मामले को और राजनीतिक रंग दे दिया और कांग्रेस में न्याय विभाग की भूमिका पर सवाल उठने लगे।

पारदर्शिता पर पहले से ही सवाल

यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है, जब अमेरिकी न्याय विभाग पहले से ही एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज़ों के बड़े पैमाने पर जारी करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहा है। हाल ही में जारी किए गए हजारों पन्नों के रिकॉर्ड्स से यह उम्मीद की जा रही थी कि एपस्टीन के अपराधों, उसके प्रभावशाली लोगों से संबंधों और सरकारी फैसलों पर नई रोशनी पड़ेगी। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इन दस्तावेज़ों से बहुत कम नई जानकारी सामने आई है। कई बेहद अहम और लंबे समय से प्रतीक्षित रिकॉर्ड अब भी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

कौन-से अहम रिकॉर्ड अब भी गायब हैं?

गायब या जारी न किए गए दस्तावेज़ों में शामिल हैं:

* एपस्टीन के पीड़ितों और सर्वाइवरों के साथ FBI के इंटरव्यू
* न्याय विभाग के आंतरिक मेमोरेंडम
* वे दस्तावेज़, जिनमें यह जांच की गई थी कि एपस्टीन सालों तक गंभीर फेडरल आरोपों से कैसे बचता रहा

इन रिकॉर्ड्स से यह समझने में मदद मिल सकती थी कि जांचकर्ताओं ने आरोपों का मूल्यांकन कैसे किया और आखिर 2008 में एपस्टीन को सिर्फ एक मामूली राज्य-स्तरीय वेश्यावृत्ति (प्रॉस्टिट्यूशन) के आरोप में दोषी क्यों ठहराया गया।

बड़े नाम, लेकिन अधूरी तस्वीर

कांग्रेस द्वारा हाल ही में पास किए गए एक कानून के तहत जिन खुलासों की उम्मीद की जा रही थी, उनमें एपस्टीन से जुड़े कई बड़े नामों का जिक्र बेहद सीमित है। ब्रिटेन के पूर्व प्रिंस एंड्रयू जैसे हाई-प्रोफाइल नामों का भी मुश्किल से ही उल्लेख मिलता है। AP के मुताबिक, इससे फिर वही सवाल उठते हैं—

किसकी जांच हुई?
किसकी नहीं हुई?
और क्या इन दस्तावेज़ों की रिलीज़ से वाकई सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ी है?

जो नई जानकारी सामने आई

हालांकि आलोचनाओं के बीच कुछ नई जानकारियां भी सामने आई हैं। इनमें शामिल हैं:

2000 के दशक में न्याय विभाग द्वारा एपस्टीन के खिलाफ फेडरल जांच बंद करने के फैसले की नई डिटेल्स
1996 की एक पहले कभी न देखी गई शिकायत, जिसमें एपस्टीन पर बच्चों की तस्वीरें चुराने का आरोप लगाया गया था

इन खुलासों से यह संकेत मिलता है कि एपस्टीन के खिलाफ आरोप और शिकायतें दशकों पहले से मौजूद थीं, लेकिन फिर भी उसे लंबे समय तक सख्त कार्रवाई से बचाया गया।

तस्वीरें ज्यादा, जवाब कम

अब तक जारी किए गए रिकॉर्ड्स में एपस्टीन के न्यूयॉर्क और यूएस वर्जिन आइलैंड्स स्थित घरों की तस्वीरें बड़ी संख्या में हैं। इसके अलावा कई सेलिब्रिटी और राजनीतिक नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें भी शामिल हैं। पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की कई पहले कभी न देखी गई तस्वीरें सामने आई हैं। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप की तस्वीरें तुलनात्मक रूप से कम हैं। दोनों नेताओं ने एपस्टीन को जानने की बात स्वीकार की है, लेकिन किसी भी तरह की गलत गतिविधियों में शामिल होने से इनकार किया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन तस्वीरों का किसी आपराधिक मुकदमे में सीधा इस्तेमाल नहीं हुआ।

देरी, बदलाव और सर्वाइवरों का गुस्सा

कांग्रेस की ओर से पूरी जानकारी देने की जो समय-सीमा तय की गई थी, उसके बावजूद न्याय विभाग ने कहा कि रिकॉर्ड “रोलिंग बेसिस” पर जारी किए जाएंगे। विभाग का तर्क है कि सर्वाइवरों की पहचान और नाम हटाने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया कि आगे और दस्तावेज़ कब जारी होंगे। इस अस्पष्टता ने कई कानून निर्माताओं और सर्वाइवरों को खारिज कर दिया है। मरीना लेसरडा, जिन्होंने आरोप लगाया है कि एपस्टीन ने 14 साल की उम्र में उनके साथ यौन शोषण किया था, ने कहा,“मुझे फिर से लगता है कि DOJ और जस्टिस सिस्टम हमें फेल कर रहा है।”

एपस्टीन केस: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि

जेफरी एपस्टीन पर 2019 में फेडरल प्रॉसिक्यूटर्स ने सेक्स ट्रैफिकिंग के गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन ट्रायल शुरू होने से पहले ही न्यूयॉर्क की जेल में उनकी मौत हो गई, जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया। अब तक जो दस्तावेज़ जारी हुए हैं, वे न्याय विभाग के पास मौजूद कुल रिकॉर्ड्स का सिर्फ एक छोटा हिस्सा हैं।

रिकॉर्ड्स का विशाल दायरा

डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लैंच के अनुसार, अकेले मैनहट्टन प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने एपस्टीन और घिसलेन मैक्सवेल की जांच से जुड़े 3.6 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड इकट्ठा किए हैं। इनमें से कई FBI मटीरियल की प्रतियां हैं। फिलहाल जो कुछ भी सार्वजनिक किया गया है, वह पहले से ही कोर्ट फाइलिंग, कांग्रेसनल डिस्क्लोज़र या फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन रिक्वेस्ट (FOIA) के जरिए उपलब्ध था। नया यह है कि इन्हें एक सर्च करने योग्य प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा किया गया है।

भारी सेंसरशिप और ब्लैकआउट

नए जारी किए गए कई रिकॉर्ड्स बुरी तरह से एडिट किए गए हैं। कई जगह संदर्भ (कॉन्टेक्स्ट) हटा दिया गया है। “ग्रैंड जूरी-NY” नाम का एक 119 पन्नों का दस्तावेज़ पूरी तरह से ब्लैक आउट कर दिया गया था, जिससे उसमें मौजूद जानकारी जनता के लिए पूरी तरह अपठनीय हो गई।

ग्रैंड जूरी ट्रांसक्रिप्ट: सबसे अहम खुलासा

सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों में ग्रैंड जूरी ट्रांसक्रिप्ट शामिल हैं। इनसे पता चलता है कि 2007 की शुरुआत में ही फेडरल प्रॉसिक्यूटर्स के पास एपस्टीन के खिलाफ एक मजबूत केस मौजूद था। FBI एजेंट्स ने उन लड़कियों और युवतियों के इंटरव्यू के बारे में गवाही दी, जिन्होंने कहा कि उन्हें एपस्टीन के लिए सेक्स एक्ट करने के बदले पैसे दिए गए। इनमें एक 14 साल की नौवीं कक्षा की छात्रा भी शामिल थी। एक गवाह ने बताया कि मसाज के दौरान विरोध करने पर उसके साथ शारीरिक हमला किया गया। एक अन्य गवाह ने कहा कि एपस्टीन ने उसे 16 साल की उम्र में काम पर रखा और बाद में दूसरी लड़कियों को भर्ती करने के लिए पैसे दिए। उसने गवाही में कहा, “हर लड़की के लिए जिसे मैं उसके पास लाती थी, वह मुझे 200 डॉलर देता था।”

अलेक्जेंडर अकोस्टा का बयान

दस्तावेज़ों में अमेरिकी अटॉर्नी अलेक्जेंडर अकोस्टा के साथ न्याय विभाग का एक इंटरव्यू भी शामिल है। अकोस्टा ने इस केस की निगरानी की थी और बाद में ट्रंप के पहले कार्यकाल में श्रम सचिव बने। उन्होंने कहा कि उस समय जूरी की सोच और सेक्स ट्रैफिकिंग व वेश्यावृत्ति के मामलों के बीच की रेखा धुंधली थी। मैं यह नहीं कह रहा कि यह सही सोच थी, उन्होंने स्वीकार किया और जोड़ा कि पीड़ितों के प्रति रवैया अब काफी बदल चुका है।

सर्वाइवरों की प्रतिक्रिया: जीत भी, त्रासदी भी

एपस्टीन पर आरोप लगाने वाली मारिया फार्मर की वकील जेनिफर फ्रीमैन ने कहा कि इन खुलासों ने उनके क्लाइंट को एक साथ सही साबित होने और टूट जाने जैसा महसूस कराया है। उन्होंने कहा, यह एक जीत और एक त्रासदी दोनों है। ऐसा लगता है कि सरकार ने बिल्कुल कुछ नहीं किया। अगर उन्होंने थोड़ी सी भी जांच की होती, तो कई भयानक चीजें रोकी जा सकती थीं।

 

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