गरीबी के बारे में मैंने पढ़ा नहीं, बल्कि उसे खुद देखा है : नक्सलवाद अगले साल समाप्त करने का लक्ष्य, मोदी ने कहा- मिशन सुदर्शन चक्र करेगा देश के चप्पे-चप्पे की सुरक्षा
नक्सलवाद अगले साल मार्च तक समाप्त करने का लक्ष्य : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबी के बारे में किताबों में नहीं पढ़ा बल्कि गरीबी क्या होती है, इसे उन्होंने खुद देखा है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबी के बारे में किताबों में नहीं पढ़ा बल्कि गरीबी क्या होती है, इसे उन्होंने खुद देखा है। वह इसकी पीड़ा समझते हैं इसलिए उनकी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि गरीबों के कल्याण की योजनाओं का लाभ उनके द्वार तक पहुंचे।
मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते कहा कि गरीबों को उनके लिए बनी योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए वह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गरीब कल्याण की योजनाएं सरकारी दफ्तरों की फाइलों में उलझी न रहे। इन योजनाओं का लाभ देश के नागरिकों तक पहुंचे और उन्हें इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा किताबों में मुझे यह कभी पढऩे की जरूरत नहीं पड़ी कि गरीबी क्या होती है क्योंकि मुझे मालूम है कि गरीबी क्या होती है। मैंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि सरकार सिफऱ् फाइलों तक सीमित न रहे बल्कि यह नागरिकों के जीवन तक पहुँचे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीब, कमजोर, दिव्यांग, आदिवासी तथा अन्य वंचित वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाने की योजना को विशेष महत्व दिया है। उनका कहना था ''एक समय था जब गरीबों, हाशिए पर रह रहे लोगों, आदिवासियों और दिव्यांगजनों को अपने अधिकारों के लिए भटकना पड़ता था, एक सरकारी कार्यालय से दूसरे सरकारी कार्यालय भागते हुए अपना जीवन बिता देते थे। आज सरकार आपके दरवाजे पर आती है, लाभार्थियों तक सीधे योजनाएँ पहुँचाती है।Þ
नक्सलवाद अगले साल मार्च तक समाप्त करने का लक्ष्य : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि नक्सलवाद की जड़ों पर लगातार प्रहार किया जा रहा है और अगले साल 31 मार्च तक इसे देश से समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ''सवा सौ से अधिक जिलों में नक्सलवाद की जड़े जमीं हुई थीं। आज कम करते करते हम इसे बीस पर ले आये हैं।
मोदी ने कहा कि 'बस्तर को याद करते ही नक्सलवाद और बम की आवाजें सुनाई देती थीं। अब वहां नौजवान देश की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। वहां के नौजवान आज ओलंपिक में जाते हैं। यह बदलाव देश देख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ''जो क्षेत्र रेड टेरर थे, वे विकास के ग्रीन कारिडोर बन गये हैं। लाल रंग से रंगे क्षेत्रों में हमने संविधान और कानून का तिरंगा फहराया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि '' समृद्धि सुरक्षा के रास्ते से गुजरती है। हमने राष्ट्र की सुरक्षा और समर्पण भाव से काम किया है। जनजातीय समाज की सबसे बड़ी सेवा की है। हम बदलाव लाने में सफल हुए हैं।
मिशन सुदर्शन चक्र करेगा देश के चप्पे-चप्पे की सुरक्षा: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सीमाओं के साथ साथ महत्वपूर्ण सैन्य और असैन्य प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिक आधारित प्रणालियां विकसित करने के उद्देश्य से मिशन सुदर्शन चक्र शुरू करने की घोषणा की।
मोदी ने लाल किले की प्राचीर से मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा की जिसके तहत आधुनिक युद्ध के तौर-तरीकों को ध्यान में रखते हुए अगले 10 साल में देश की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियार प्रणाली और सुरक्षा कवच का विकास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मिशन सुदर्शन चक्र के तहत आने वाले 10 वर्षो में 2035 तक देश के सभी महत्वपूर्ण स्थलों - जिसमें सामरिक के साथ-साथ नागरिक क्षेत्र भी शामिल हैं जैसे अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र - को प्रौद्योगिकी के नये प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा।
मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि ऑपरेशन ङ्क्षसदूर में दुनिया ने टेक्नोलॉजी में हमारी महारत को देखा। उन्होंने कहा कि '' पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों पर, हमारे एयरबेस पर और हमारे संवेदनशील स्थलों पर, हमारे आस्था के केंद्रों पर, हमारे नागरिकों पर मिसाइल और ड्रोन से बड़े पैमाने पर हमले किए। लेकिन देश को सुरक्षित रखने के जो प्रयास पिछले 10 साल में हुये हैं, उसी का परिणाम था कि उनके हर हमले को हमारे जांबाजों ने और हमारी टेक्नोलॉजी ने तिनके की तरह बिखेर दिया, रत्ती भर नुकसान नहीं कर पाए।
उन्होंने कहा कि '' जब युद्ध के मैदान में टेक्नोलॉजी का विस्तार हो रहा है, टेक्नोलॉजी हावी हो रही है, तब राष्ट्र की रक्षा के लिए, देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हमने आज जो महारत पाई है, उसका और विस्तार करने की जरूरत है, उसे लगातार अपग्रेड करते रहने की आवश्यकता है। इसलिए हमने संकल्प व्यक्त किया कि समृद्धि कितनी भी क्यों न हो अगर सुरक्षा के प्रति उदासीनता बरतते हैं तो समृद्धि भी किसी काम की नहीं रहती।
कृष्णाष्टमी के पर्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि'' महाभारत की लड़ाई में कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और तब अर्जुन जयद्रथ के वध की अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर पाये थे। भगवान कृष्ण से प्रेरणा पाकर हमने कृषण के सुदर्शन चक्र की राह को चुना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मिशन सुदर्शन चक्र शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह शक्तिशाली हथियार प्रणाली दुश्मन के हमले को निष्क्रिय करने के साथ ही दुश्मन को कई गुना ज्यादा चोट पहुंचाएगी।
मिशन के लिए मूलभूत बातों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि'' यह पूरा आधुनिक सिस्टम, उसके लिए अनुसंधान, विकास और विनिर्माण देश में ही होगा, देश के नौजवानों के टैलेंट से होगा। यह एक ऐसी व्यवस्था होगी जो युद्धनीति के हिसाब से भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं, उसका हिसाब-किताब लगाकर एक कदम आगे रहने की रणनीति तय करेगी। इसके तहत टारगेटेड एक्शन मिसाइल विकसित की जाएगी जो अपने लक्ष्य का पीछा कर उसे ध्वस्त करेगी। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं और भारत युद्ध के हर तौर-तरीके से निपटने में सक्षम है।

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