जीव-जंतुओं के साथ प्यार से रहना सिखाती है भारतीय संस्कृति, नौगांव में हाथियों के लिए घास उगाकर ग्रामीणों ने किया अपना बचाव : मोदी
करीब 800 बीघा बंजर भूमि पर एक अनूठी कोशिश की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पशुओं के प्रति सछ्वाव रखने और सामंजस्य बनाने पर बल देते हुए कहा है कि भारतीय संस्कृति और विरासत आस-पास के जीव जंतुओं के साथ प्यार से रहना सिखाती है
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पशुओं के प्रति सछ्वाव रखने और सामंजस्य बनाने पर बल देते हुए कहा है कि भारतीय संस्कृति और विरासत आस-पास के जीव जंतुओं के साथ प्यार से रहना सिखाती है। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम''मन की बात' की 118वीं कड़ी में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जानवर पालतू हों या जंगल में रहने वाले पशु, इंसानों से उनका नाता कई बार हैरान कर देता है। जानवर भले बोल नहीं पाते, लेकिन उनकी भावनाओं को, उनके हाव-भाव को, इंसान भली-भांति भांप लेते हैं। जानवर भी प्यार की भाषा को समझते हैं, उसे निभाते भी हैं। उन्होंने असम के नौगांव में जंगली हाथियों के लिए एक विशेष घास उगाने का जिक्र किया और कहा कि इससे ग्राम वासियों की खेती बच गई है।
मोदी ने कहा कि नौगांव' हमारे देश की महान विभूति श्रीमंत शंकरदेव जी का जन्म स्थान भी है। ये जगह बहुत ही सुंदर है। यहाँ हाथियों का भी एक बड़ा ठिकाना है। इस क्षेत्र में कई घटनाएं देखी जा रही थी जहां हाथियों के झुंड फसलों को बर्बाद कर देते थे , किसान परेशान रहते थे, जिससे आस-पास के करीब 100 गांवों के लोग बहुत परेशान थे लेकिन गांव वाले हाथियों की भी मजबूरी समझते थे। उन्हें पता था कि हाथी भूख मिटाने के लिए खेतों का रूख कर रहे हैं, इसलिए गांववालों ने इसका समाधान निकालने की सोची। गावंवालों की एक टीम बनी जिसका नाम था ''हाथी बंधु''। हाथी बंधुओं ने सूझ-बूझ दिखाते हुए करीब 800 बीघा बंजर भूमि पर एक अनूठी कोशिश की। यहाँ गांववालों ने आपस में मिल-जुल कर नेपियर घास लगाई। इस घास को हाथी बहुत पसंद करते हैं। इसका असर ये हुआ कि हाथियों ने खेतों की ओर जाना कम कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह हजारों गांववालों के लिए बहुत राहत की बात है। उनका ये प्रयास हाथियों को भी खूब भाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति और विरासत हमें आस-पास के पशु-पक्षियों के साथ प्यार से रहना सिखाती है। बीते दो महीनों में देश में दो नए बाघ अभयारण्य बनाए गए हैं। ये छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभ्यारण और मध्य प्रदेश में रातापानी बाघ अभयारण्य हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 2025 की शुरुआत में ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं और अभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास का एक्सटेम केंद्र अंतरिक्ष में विनिर्माण के लिए नई तकनीकों पर काम कर रहा है।
मोदी ने कहा कि आईआईटी मद्रास का एक्सटेम केंद्र अंतरिक्ष में विनिर्माण के लिए नई तकनीकों पर काम कर रहा है। ये केंद्र अंतरिक्ष में 3डी प्रिंटेड बिल्डिंग, धातु फॉम और ऑप्टिकल फाइबर्स जैसे तकनीकों पर रिसर्च कर रहा है। ये सेंटर बिना पानी के कांसेंट्रेट निर्माण जैसी क्रांतिकारी विधियों को भी विकसित कर रहा है। एक्सटेम की ये शोध भारत के गगनयान मिशन और भविष्य के अंतरिक्ष केन्द्र को मजबूती देगी। इससे विनिर्माण में आधुनिक तकनीक के भी नए रास्ते खुलेगें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ''यह बातते हुये मुझे गर्व है कि एक भारतीय स्पेस स्टार्टअप बेंगलुरू के पिक्सेल ने भारत का पहला निजी उपग्रह कांस्टेलेशन ''फायर-फ्लाई'' सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है। यह उपग्रह कांस्टेलेशन दुनिया का सबसे हाई रिसुलेशन हाईपरस्पेक्ट्रल उपग्रह कांस्टेलेशन है। इस उपलब्धि ने न केवल भारत को आधुनिक अंतरिक्ष तकनीक में अग्रणी बनाया है बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। ये सफलता हमारे निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की बढ़ती ताकत और नवाचार का प्रतीक है। मैं इस उपलब्धि के लिए पिक्सेल की टीम, इसरो और इन स्पेस को पूरे देश की ओर से बधाई देता हूं।''
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले हमारे वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में ही एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। वैज्ञानिकों ने उपग्रहों की अंतरिक्ष में डॉकिंग कराई है। जब अंतरिक्ष में दो उपग्रह जुड़ते हैं तो इस प्रक्रिया को अंतरिक्ष डॉकिंग कहते हैं। यह तकनीक अंतरिक्ष में अंतरिक्ष केन्द्र तक आपूर्ति भेजने और उसमें गये लोगों के लिए अहम है। भारत ऐसा चौथा देश बना है जिसने ये सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री ने बताया कि वैज्ञानिक अंतरिक्ष में पौधे उगाने और उन्हें जीवित रखने के प्रयास भी कर रहे हैं। इसके लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने लोबिया के बीज को चुना। 30 दिसंबर को भेजे गए ये बीज अंतरिक्ष में ही अंकुरित हुए। ये एक बेहद प्रेरणादायक प्रयोग है जो भविष्य में अंतरिक्ष में सब्जियां उगाने का रास्ता खोलेगा। ये दिखाता है कि हमारे वैज्ञानिक कितनी दूर की सोच के साथ काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये सभी उपलब्धियां इस बात का प्रमाण है कि भारत के वैज्ञानिक और नवाचारी भविष्य की चुनौतियों का समाधान देने के लिए कितने दूरदृष्टा हैं। उन्होंने भारत के वैज्ञानिकों, नवाचारियों और युवा उद्यमियों को पूरे देश की ओर से शुभकामनाएँ देते हुये कहा ''हमारा देश आज अंतरिक्ष तकनीक में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।''
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