विपक्ष के सदस्यों का लोकसभा में हंगामा : नहीं हो सका कोई कामकाज, लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
संसद में उनके प्रतिनिधि उनके हित के लिए काम करेंगे
अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे सुनियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। विपक्ष के सदस्य सदन नहीं चलने दे रहे हैं।
नई दिल्ली। लोकसभा में मानसून सत्र के पहले सप्ताह में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा और बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया रोकने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले अपराह्न 2 बजे तक और बाद में दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की, विपक्षी दलों के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाते हुए सदन के बीचो-बीच आकर हंगामा करने लगे। उन्होंने हंगामे के बीच ही सदन चलाने का प्रयास किया।
अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे सुनियोजित तरीके से सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। विपक्ष के सदस्य सदन नहीं चलने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि सहमति है, तो समस्या के समाधान का रास्ता मिलजुल कर निकाला जा सकता है। बिरला ने कहा कि वह सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाकर विपक्ष के नेताओं के साथ बातचीत कर समस्या का समाधान निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए चर्चा करनी होगी और सदन में बाधा डालने की प्रवृत्ति छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि गतिरोध दूर करने के लिए सभी को आपस में बात करनी चाहिए और सदन चलना चाहिए, क्योंकि देश में विभिन्न संसदीय क्षेत्रों की 20-20 लाख की आबादी ने एक-एक सदस्य से अपने भविष्य की योजनाओं के लिए आस लगायी है और उन्हें उम्मीद रहती है कि संसद में उनके प्रतिनिधि उनके हित के लिए काम करेंगे।
हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और हंगामा बढऩे लगा, तो बिरला ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में जारी एसआईआर प्रक्रिया को वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी और शोरशराबा करने लगे। कुछ विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लिये थे, जिन पर एसआईआर के विरोध में नारे लिखे हुए थे। कई सदस्य सदन के बीचो-बीच आकर हंगामा और नारे लगा रहे थे।
पीठासीन अधिकारी जगदम्बिका पाल ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि इससे किसी को लाभ नहीं हो रहा है, जिस जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है, उसे इससे क्या लाभ होगा। जनता ने सदस्यों को यहां अपनी समस्याओं और कठिनाइयों के बारे में चर्चा करने और उन्हें दूर करने का प्रयास करने के लिए भेजा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने भी कहा है कि विपक्षी सदस्य जिस भी मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं, वह सरकार के प्रतिनिधियों से उनकी बात करवाकर उस पर चर्चा करवाने का प्रयास करेंगे। हंगामा कर रहे सदस्यों को सदन की कार्यवाही चलने देनी चाहिए।

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