राज्यों के विकास पर ही देश की प्रगति निर्भर : इस महत्वपूर्ण यात्रा में ब्रह्मकुमारी जैसी संस्थाओं की भूमिका अहम, मोदी ने कहा- हम राज्यों को करना चाहते है विकसित
आध्यात्मिक आंदोलन से दशकों पुराना जुड़ाव रहा है
एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड के भव्य लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने बताया कि उनका इस आध्यात्मिक आंदोलन से दशकों पुराना जुड़ाव रहा है।
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम राज्यों को विकसित करना चाहते है। राज्यों का विकास होगा, तो देश का विकास होगा। इस महत्वपूर्ण यात्रा में ब्रह्मकुमारी जैसी संस्थाओं की भूमिका बेहद अहम है। मोदी ने यहां नया रायपुर अटल नगर में ब्रह्माकुमारीज के नव-निर्मित मेडिटेशन सेंटर शांति शिखर, एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड के भव्य लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने बताया कि उनका इस आध्यात्मिक आंदोलन से दशकों पुराना जुड़ाव रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने ब्रह्मकुमारी संस्था को वटवृक्ष की तरह बढ़ते हुए देखा है। 2011 में अहमदाबाद में फ्यूचर ऑफ पावर कार्यक्रम हो या 2012 में संस्था के 75 वर्ष का उत्सव, माउंट आबू और गुजरात के कार्यक्रमों में जाना मेरे जीवन का हिस्सा रहा है। केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्थल है, जहाँ राजयोग, ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान से जीवन में संतुलन आएगा और मन को शांति मिलेगी। मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है, आज के दिन हमारे छत्तीसगढ़ निर्माण के 25 वर्ष पूर्ण हुए हैं। झारखंड उत्तराखंड भी 25 वर्ष पूर्ण कर रहे है साथ ही देश के कई राज्यों का आज स्थापना दिवस है। हम राज्यों को विकसित करना चाहते है, राज्यों का विकास होगा, तो देश का विकास होगा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महत्वपूर्ण यात्रा में ब्रह्मकुमारी जैसी संस्थाओं की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने बताया कि उनका इस आध्यात्मिक आंदोलन से दशकों पुराना जुड़ाव रहा है।
मोदी ने कहा कि मैंने ब्रह्मकुमारी संस्था को वटवृक्ष की तरह बढ़ते हुए देखा है। 2011 में अहमदाबाद में फ्यूचर ऑफ पावर कार्यक्रम हो या संस्था के 75 वर्ष का उत्सव, माउंट आबू और गुजरात के कार्यक्रमों में जाना मेरे जीवन का हिस्सा रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली आने के बाद भी उन्हें कई अवसरों पर ब्रह्मकुमारी संस्था से जुडऩे का मौका मिला- चाहे वह आजादी के अमृत महोत्सव का अभियान हो या स्वच्छता अभियान। उन्होंने कहा कि जब भी मैं आपके बीच आया हूं, मैंने आपके प्रयासों को गहराई से देखा है। यहां शब्द कम, सेवा ज्यादा है। उन्होंने संस्था से अपने व्यक्तिगत लगाव का भी उल्लेख किया और कहा कि इस संस्थान से मेरा अपनापन हमेशा रहा है।

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