Driver Strike: ट्रक चालकों की देशव्यापी हड़ताल का दूसरा दिन, सप्लाई पर पड़ रहा असर
केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून के तहत हादसे के बाद भागने वाले चालकों को दस साल की सजा और सात लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जिसका कई यूनियनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
जालंधर। नव अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के खिलाफ परिवहन संघों और चालकों की देशव्यापी हड़ताल दूसरे दिन में प्रवेश कर गई है जिससे ईंधन आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है और कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गईं। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने नए कानून के प्रावधानों के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है, जो अभी तक लागू नहीं हुआ है।
हड़ताल का कारण क्या है?
भारतीय न्याय संहिता ने हाल ही में औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह ली है। इसमें हिट-एंड-रन मामलों के लिए कड़े दंड का प्रावधान किए हैं, विशेष रूप से गंभीर सड़क दुर्घटनाओं में शामिल मोटर चालकों को लक्षित किया है, जो अधिकारियों को घटना की सूचना दिए बिना घटनास्थल से भाग जाते हैं। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून के तहत हादसे के बाद भागने वाले चालकों को दस साल की सजा और सात लाख का जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जिसका कई यूनियनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
अभी जो बसें चल रही हैं वह भी होगी बंद: हैप्पी संधू
पंजाब ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रधान हैप्पी संधू ने मंगलवार को बताया कि राज्य के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्गों को बुधवार से पूर्ण तौर पर बाधित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक जो बसें चल रही हैं, बुधवार से उसे भी चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। संधू ने कहा कि हमारी मांग नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि वह आज राज्य के जैतों और मोगा में सभी मार्गों को बाधित कर रहे हैं।वहीं ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपपोर्ट कांग्रेस प्रबंधक समिति के सदस्य आनंददीप सिंह ने बताया कि प्रबंधक समिति के सभी दो सौ सदस्यों की आज अपराह्न डेढ़ बजे बैठक हो रही है जिसमें हड़ताल के संबंध में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
पंजाब रोड़वेज युनियन के प्रधान मंगत खान ने बताया कि ट्रक चालकों की हड़ताल में पंजाब रोड़वेज के चालक हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगले एक दो दिनों में युनियन की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि रोड़वेज की बसें अपने निर्धारित रूट पर चल रही हैं।
नए कानून से चालकों के भीतर डर का माहौल
पंजाब रोडवेज पीआरटीसी पनबस कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन की ओर से तीन जनवरी को प्रदेशभर में दो घंटे बसों को बंद करके और अन्य यूनियनों की ओर से तीन जनवरी को बैठक करके कोई निर्णय लेने की घोषणा की है। यूनियनों का कहना है कि इस नए कानून से चालकों के भीतर डर का वातावरण पैदा हो रहा है, इसलिए केंद्र सरकार को इस नए कानून को तुरंत वापस करना चाहिए। अमृतसर-गुरदासपुर प्राइवेट बस यूनियन के प्रधान अशोक मनन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो नया कानून हिट एंड रन के तहत बनाया गया है उसे चालकों में असुरक्षित की भावना पैदा हो रही है। सड़क दुर्घटना चालक बिना वजह नहीं करता है। यदि अचानक कोई सड़क दुर्घटना हो जाए तो सबसे पहले अपना वाहन छोड़कर भाग जाता है। चालक को डर होता है कि भीड़ में कोई उसकी जान न ले ले। केंद्र सरकार को चालकों की सुरक्षा के लिए कानून बनना चाहिए था। हिट एंड रन के कानून में सजा व जुर्माना का प्रविधान होने के कारण भविष्य में बसें ट्रक तथा अन्य कामर्शियल वाहन के लिए चालक नहीं होंगे। तीन जनवरी को उनके संगठन द्वारा एक बैठक की जा रही है जिसमें कई यूनियन ने भाग लेंगी। पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन के प्रदेश संयुक्त सचिव जोध सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया कानून बस चालकों के लिए घातक है।
मिनी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रधान बलदेव सिंह बब्बू ने कहा कि यह कानून बस चालकों के लिए काफी घातक है। इस कानून से कोई भी चालक बस तथा कामर्शियल वाहन नहीं चल सकेगा। यदि ऐसा होता है तो इससे इस व्यापार को भी नुकसान पहुंचेगा। सरकार को हिट एंड रन कानून तुरंत वापस लेना चाहिए।

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