अमेरिका ने आईसीसी कर्मचारियों पर लगाए प्रतिबंध, मुकदमा चलाने के लिए आईसीसी द्वारा की गई कार्रवाईयों में सीधे तौर पर थे शामिल
इजरायल के खिलाफ अवैध आईसीसी कार्रवाइयों का समर्थन जारी रखने के लिए दो आईसीसी उप अभियोजकों को नामित किया गया था
इजरायल के खिलाफ अवैध आईसीसी कार्रवाइयों का समर्थन जारी रखने के लिए दो आईसीसी उप अभियोजकों को नामित किया गया था।
वॉशिंगटन। अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में कार्यरत 4 कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगा दिए। ये लोग दोनों देशों की सहमति के बिना अमेरिकी और इजरायली कर्मियों की जाँच, गिरफ्तारी, हिरासत या मुकदमा चलाने के लिए आईसीसी द्वारा की गई कार्रवाईयों में सीधे तौर पर शामिल थे। अफग़़ानिस्तान में अमेरिकी कर्मियों की आईसीसी की जाँच को अधिकृत करने और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के लिए आईसीसी द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने को अधिकृत करने के लिए दो आईसीसी न्यायाधीशों को नामित किया गया था। विदेश विभाग के अनुसार नेतन्याहू और गैलेंट को लक्षित करने वाले आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट को बरकरार रखने सहित इजरायल के खिलाफ अवैध आईसीसी कार्रवाइयों का समर्थन जारी रखने के लिए दो आईसीसी उप अभियोजकों को नामित किया गया था।
विदेश विभाग ने कहा कि आज की प्रतिबंध-संबंधी कार्रवाईयों के परिणामस्वरूप ऊपर वर्णित प्रतिबंधित व्यक्तियों की सभी संपत्तियाँ और संपत्ति में हित, जो अमेरिका में हैं या अमेरिकी व्यक्तियों के कब्जे या नियंत्रण में हैं, अवरुद्ध कर दिए गए हैं और उन्हें वित्त मंत्रालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) को सूचित किया जाना चाहिए। आईसीसी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये प्रतिबंध एक निष्पक्ष न्यायिक संस्था की स्वतंत्रता पर एक खुला हमला हैं, जो सभी क्षेत्रों के 125 सदस्य देशों के अधिदेश के तहत संचालित होती है। ये न्यायालय के सदस्य देशों, नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और सबसे बढ़कर दुनिया भर के लाखों निर्दोष पीड़ितों का अपमान भी हैं। फ्रांस ने एक बयान में अमेरिकी फैसले पर निराशा व्यक्त की। उसने एक बार फिर लक्षित न्यायाधीशों के साथ एकजुटता व्यक्त की और आईसीसी और उसके कर्मचारियों के प्रति अटूट समर्थन की पुष्टि की।

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