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Read More... महाशिवरात्रि पर काशी में भव्य नजारा : मंगला आरती के बाद निकली अखाड़ों की शोभायात्रा, त्रिशूल-तलवार और गदा लेकर निकले नागा साधु
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महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ पड़ा है। मुख्यमंत्री ने की राजराजेश्वर मंदिर में सपरिवार पूजा-अर्चना : प्रदेश की खुशहाली के लिए की मंगलकामना, दीया कुमारी ने रविनाथ कुंज आश्रम में झुकाया शीश
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इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने आश्रम में आयोजित कीर्तन में भजनों का श्रवण भी किया। महाराज भावनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया। महाशिवरात्रि पर हर-हर महादेव से गूंजे शिवालय : शिव मंदिरों में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पूजा के लिए कतारों में भक्त
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मंदिरों में घंट, घडियाल और शंख की ध्वनि वातावरण को आध्यात्मिकता से लबरेज कर रही है। तमाम शिव मंदिरों में महादेव का अभिषेक कराया जा रहा है। आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है महाशिवरात्रि
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हिंदू धर्म में सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि आज : शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था शिव-पार्वती का विवाह; नवविवाहित शिवालयों में चढ़ा रहे जयघट
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जो व्यक्ति महाशिवरात्रि का विधिवत पूजन, रात्रि जागरण और उपवास करता है उनका पुनर्जन्म नहीं होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। फाल्गुन : होली के रंगों की मस्ती के साथ ही शिव भक्ति, दो भौम प्रदोष, शिव पूजन से मिटेंगे दोष
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उस समय उद्यापन भी नहीं करना चाहिए लेकिन भौम प्रदोष ऐसी तिथि है कि जब भी पड़े, उस दिन से व्रत का अनुष्ठान शुरू कर सकते हैं। 60 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ योग, धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि के चंद्रमा रहेगा मौजूद
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वर्ष 1965 में जब महाशिवरात्रि का पर्व आया था, तब सूर्य, बुध और शनि कुंभ राशि में गोचर कर रहे थे। 