जानें राज काज में क्या है खास 

कहानी सांप-छछून्दर की 

जानें राज काज में क्या है खास 

सूबे में इन दिनों एक चर्चा ने कई विधायकों की नींद उड़ा रखी है।

रिपोर्ट कार्ड ने उड़ाई नींद :

सूबे में इन दिनों एक चर्चा ने कई विधायकों की नींद उड़ा रखी है। उनकी नींद उड़ना भी लाजिमी है, चूंकि कइयों के सपने कुछ ज्यादा ही रंगीन हैं। चर्चा है कि कैबिनेट रिसफलिंग में अपनाए जाने वाले फार्मूले में फिट बैठने वाले एमएलएज की संख्या ज्यादा नहीं है। फार्मूला और कोई बनाता तो, गली निकल जाती है, लेकिन गुजराती बंधुओं के इस फार्मूले में यह कतई संभव नहीं है। चर्चा है कि जिन एमएलएज का अपने इलाके में पब्लिक के बजाय खाईवाल साहबों के सिर पर हाथ है, वे लिस्ट से कोसों दूर हैं। लिस्ट भी और किसी ने नहीं बल्कि सालों से एंडियां रगड़ रहे पार्टी के हार्डकोर वर्कर्स ने बनाई है। चर्चा में दम है, तो कई भाई साहबों का पत्ता साफ होना तय है, इसमें दूसरी बार वालों की संख्या कुछ ज्यादा ही है।

बदले-बदले साहब :

इन दिनों कई साहब लोग बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं। जिन्होंने सालों तक ऑफिसों में अपने हिसाब से कदम रखा, वे भी सुबह साढ़े नौ बजे अंगूठा लगाते दिखाई देते हैं। इनमें से कइयों की तो आंखें लाल रहती है, और हैंगओवर का असर अलग दिखता है। और तो और लंच केबिनों में भड़ास निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ते। राज का काज करने वालों में खुसरफुसर है कि 58 साल पहले वैलेंटाइन डे पर नवाबों के शहर में जन्मे आईआईटियन साहब के ट्रैकिंग सिस्टम से पब्लिक को कितना सुकून मिला, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन फाइलों को दबाकर बैठने और अपने हिसाब से ही चलने वालों की हेकड़ी जरूर निकल गई। कुंभ राशि वाले बड़े साहब की वर्किंग स्टाइल को समझने वाले समझ गए, ना समझे वो अनाड़ी है।

Read More झुलसती संवेदनाएं और नाकाम होती व्यवस्था

कहानी सांप-छछून्दर की :

Read More प्रदूषण से उड़कर बादलों में घुलते कीटनाशक

सूबे के हाथ वाले भाई लोगों में इन दिनों सांप-छछूंदर वाला खेल कुछ ज्यादा ही चल रहा है। तीन गुटों में बंटे नेताओं के वर्कर्स की समझ में नहीं आ रहा कि वे किसी गुट के नेता को ज्यादा सलाम करें। टोंक वाले भाई साहब के स्वामिभक्त इस इंतजार में बैठे हैं कि स्पेशल लॉबी से ताल्लुकात रखने वाले गोविन्दजी की टीम कब कमजोर हो, तो लक्ष्मणगढ़ वाले ठिकानेदार के वर्कर्स जीण माता के दरबार में माथा टेककर मन्नतें मांग रहे हैं कि पार्टी के राजकुमार का सूबे में पगफेरा ही न हो। थर्ड ग्रुप के लीडर बिना मा़त्रा के शहर वाले भाई साहब हैं, जो पिंकसिटी में बैठे-बैठे ही राज की बड़ी कुर्सी के दिन में भी सपने देख रहे हैं। इनसे इतर कोटा वाले सेठजी हैं, जो शांति से बैठकर हवा का रुख देख रहे हैं। वर्कर्स में खुसरफुसर है कि हर गु्रप का लीडर धीमी गति से रेस जीतना चाहते हैं, तभी तो वे तीन बार राज कर चुके जोधपुर वाले भाई साहब के अनुभव को नजरअंदाज करके बैठे हैं।

Read More जानें राज काज में क्या है खास 

पैदा हुई गलतफहमी :

गलतफहमी तो गलतफहमी है, यह किसी के भी पैदा हो जाती है और जिसके पैदा हो जाती है, वह जल्दी से दूर भी नहीं होती, चाहे कोई भी कितने ही जतन कर ले। अब देखो न, 16 महीनों में ही हमारे सूबे के कई ब्यूरोक्रेट्स को गलतफहमी पैदा हो गई, राज ने भी दिन-रात कई जतन कर लिए, लेकिन वह निकलने का नाम ही नहीं ले रही। कुछ ब्यूरोक्रेट्स को गलतफहमी यह हो गई कि अटारी वाले भाई साहब के राज में हमने इतना बढ़िया काम कर लिया कि अगली लिस्ट में उनको बढ़िया कुर्सी मिलने से कोई नहीं रोक सकता। अब इनको कौन समझाए कि कुर्सी मिलने का पैमाना काम ही होता, तो कई अच्छे ब्यूरोक्रेट्स बाहर नहीं होते, चूंकि चुनावी जंग जीतकर आए राज के रत्नों की पारखी नजरों में भी तो फिट बैठने की काबिलियत हो।

-एल. एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं।)

Post Comment

Comment List

Latest News

पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़ पहले झुकी और अगले ही पल चूमने लगी जमीन, तेज हवा से तिनके की तरह उड़ गई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की रेप्लिका, मूर्ति के गिरते ही मची भगदड़
ब्राजील के गुआइबा शहर में सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को आए तेज आंधी-तूफान ने भारी तबाही मचाई। इस दौरान लगभग...
नेशनल हेराल्ड मामला: अदालत ने गांधी परिवार को एफआईआर की कॉपी देने से किया इनकार
UNSC में भारत की पाकिस्तान का दो टूक, कहा-जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे…’ सिंधु जल संधि और इमरान खान को लेकर बोला तीखा हमला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इथियोपिया के आधिकारिक दौरे पर, इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा
सोनिया गांधी ने उठाया संसद में महिला कर्मियों का मुद्दा, मानदेय बढाने और सामाजिक सुरक्षा की मांग की
ग्लोबल वायदा बाजार की नरमी के असर : दोनों कीमती धातुओं में गिरावट, जानें क्या है भाव
विपक्ष के विरोध के बीच "बीमा विधि संशोधन विधेयक-2025" लोकसभा में पेश