जानें राज काज में क्या है खास
चर्चा में कुंभ राशि
सूबे की अंता सीट के नतीजे को लेकर दोनों दलों के लीडर्स के बीच जंग छिड़ी हुई है।
अब हार-जीत को लेकर जंग :
सूबे की अंता सीट के नतीजे को लेकर दोनों दलों के लीडर्स के बीच जंग छिड़ी हुई है। पिछले चार दिनों से लीडर चैन से नहीं बैठ रहे। सबसे ज्यादा जंग सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वालों के ठिकाने पर छिड़ी हुई है। तीन गुटों में बंटे भगवा वाले भाई लोग हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर पर मंढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इस बहाने सामने वालों को निपटाने के लिए ठोस सबूत तक एकत्रित कर रहे है। इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के ठिकाने पर भी जीत का पागड़ा बंधवाने के लिए लीडर कोई कमी नहीं रख रहे। अब इन लीडर्स को कौन समझाए कि यह पब्लिक है, सब जानती है कि अंदर क्या है, बाहर क्या है।
नवरत्नों की उड़ी नींद :
सूबे में एक बार फिर राज के रत्नों की नींद उड़ी हुई है। उड़े भी क्यों नहीं, टाइमलाईन जो आ गई। बेचारे रत्नों की दिल की धड़कनें बढ़ने के साथ ही हालत खराब है, जो दिन रात सूंघासांघी में ही बिता रहे हैं। कइयों का हाजमा तक बिगड़ गया। एट पीएम का टाइम बढ़कर भी इलेवन पीएम तक पहुंच गया, बीपी की बात करना, तो बेईमानी होगी। राज का काज करने वाले भी लंच केबिनों में बतियाते हैं कि अगर शिगूफा सही है, और रिपोर्ट कार्ड पर रिसफलिंग हुई, तो आधे से ज्यादा बाहर होंगे।
चर्चा में कुंभ राशि :
वैसे तो कई भाई लोग पंडितों की बात पर भरोसा नहीं करते, लेकिन इन दिनों उनमें भी बदलाव होता दिख रहा है। सचिवालय की मेन बिल्डिंग के दूसरे माले पर बैठने वाले साहब की मानें, तो इन दिनों ब्यूरोक्रेसी में भी कुंभ राशि वाले साहब लोगों का ज्यादा ही बोलबाला है, और वे चर्चा में आए बिना भी नहीं रहते। राज का काज करने वाले में चर्चा है कि पॉलिटिक्स में भी कुंभ राशि वाले लीडर्स के भाग्य चमकने के चर्चे कुछ ज्यादा ही हंै। तभी तो कुंभ राशि वाले साहबों और लीडर्स की चाल-ढाल और हाव-भाव तक बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। अब इन साहबों और लीडर्स को कौन समझाए कि अगर पंडितों की बात सही होती, तो अंता में ये दिन नहीं देखने पड़ते।
एक जुमला यह भी :
सूबे में इन दिनों एक जुमला जोरों पर है। जुमला भी छोटा-मोटा नहीं बल्कि राज को लेकर है। जुमला भी सरदार पटेल मार्ग स्थित बंगला नंबर 51 में बने भगवा वाले के ठिकाने के साथ इंदिरा गांधी भवन में बने हाथ वालों के दफ्तर में भी एक-दूसरे को जोरों से सुनाया जा रहा है। जुमला है कि सूबे में राज करने वाली टीम तो बदलेगी, लेकिन अटारी वाले भाई साहब सुरक्षित रहेंगे।
-एल. एल. शर्मा
(यह लेखक के अपने विचार हैं।)

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