अलवर जिले में राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ एवं अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट चर्चा में
राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा आम चुनाव में अलवर जिले की 11 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में राजगढ़ - लक्ष्मणगढ़ और अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा में बनी हुई है।
अलवर। राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा आम चुनाव में अलवर जिले की 11 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में राजगढ़ - लक्ष्मणगढ़ और अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा में बनी हुई है।
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक जोहरी लाल मीणा खुद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं वहीं अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी जयराम जाटव के खिलाफ उनकी बेटी मीना कुमारी चुनाव मैदान में है। जिससे मुकाबला रोचक हो गया है। हालांकि कांग्रेस ने राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर बागियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए विधायक जोहरी लाल मीणा, शीला मीणा एवं राहुल मीणा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। जोहरी लाल मीणा ,शीला मीणा और राहुल मीणा टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय के रुप में चुनाव मैदान में है।
करीब दो लाख 61 हजार मतदाताओं वाली इस अलवर ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। यहां भाजपा से जयराम जाटव , कांग्रेस से मंत्री टीकाराम जूली ,बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से जगदीश प्रसाद ,आम आदमी पार्टी (आप) से महावीर प्रसाद राजोरिया, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) से मुकेश कुमार एवं निशा देवी और मीना कुमारी निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में है।
अलवर ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में जहां राजस्थान सरकार के मंत्री टीका राम जूली के प्रतिष्ठा दांव पर है वहीं भाजपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक जयराम जाटव के खिलाफ उनकी पुत्री मीना कुमारी के चुनाव लडऩे से यह चुनाव रोमांचक हो गया है। मीना कुमारी ने अपने पिता जयराम जाटव पर भ्रष्टाचार, घर से बेदखल और विधायक रहते हुए अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
हालांकि यहां पर दोनों ही पार्टियों का कोई बागी चुनाव मैदान में नहीं है। वर्ष 2018 में परिसीमन के बाद अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र बना था जहां से पहले विधायक कांग्रेस के टीकाराम जूली निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2013 के हुए चुनाव में भाजपा के जय राम जाटव निर्वाचित हुए थे। अब श्री जूली यहां से विधायक हैं।
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट बागियों के कारण चर्चा में बनी हुई है। यहां से कांग्रेस ने रैणी की प्रधान के पति चीफ इंजीनियर पद से सेवानिवृत हुए मांगे लाल मीना को टिकट दिया है। मांगे लाल मीणा की पत्नी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी है। इसका विरोध वर्तमान विधायक जोहरी लाल मीणा सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया। टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायक जोहरी लाल मीणा , कांग्रेस की नेता शीला मीणा एवं युवा कांग्रेस के नेता राहुल मीणा नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इन पर कार्रवाई करते हुए तीनो को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया है। विधायक जोहरी लाल मीणा ने तो आलाकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था।
इस विधानसभा सीट पर दो लाख 64 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे ।
इस निर्वाचन क्षेत्र से सबसे ज्यादा 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस से मांगे लाल मीणा, भाजपा से अलवर सरस डेयरी के पूर्व अध्यक्ष बन्ना राम मीणा, बसपा से धर्म ङ्क्षसह धानका, आप से नंदलाल, समाजवादी पार्टी (सपा) से पूर्व विधायक सूरजभान धानका चुनाव मैदान में है।
सूरजभान धानका यहां गैर मीणा वोटो के कारण चुनाव जीते थे। वहीं अमरचंद मीणा, ओमप्रकाश मीणा ,कपिल, जगदीश, जसराम मीणा, जोहरी लाल मीणा ,महेंद्र कुमार मीणा ,रामावतार, राहुल ,लाला राम मीणा ,शीला मीणा और विजय समर्थ लाल निर्दलीय रूप में चुनाव मैदान में है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष समरथ लाल मीणा के पुत्र विजय समर्थ लाल मीणा अपने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बागी रूप में निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। यहां दोनों ही प्रत्याशियों को अपने बागियों से खतरा है। भाजपा के उम्मीदवार बन्ना राम मीणा एक साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। टिकट मिलने के बाद उनका भी विरोध हुआ। बागियों के कारण इस सीट पर चुनाव में रोमांचक स्थिति बन सकती है। परिसीमन के बाद यहां का प्रियदर्शी भी बदल गया क्योंकि राजगढ़ अलग विधानसभा क्षेत्र था और लक्ष्मणगढ़ अलग विधानसभा क्षेत्र था परिसीमन के बाद दोनों को जोड़ दिया गया। परिसीमन के बाद यहां भाजपा कभी नहीं जीत पाई। जब यह राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र था तब यहां से भाजपा के सिर्फ मास्टर समर्थ लाल मीणा ही चुनाव जीते थे।
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