जीजीटीयू में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज : शिक्षा बहते पानी के समान, जितना बहेगा उतना शुद्ध होगा- बागड़े

उदाहरण और आचरण को शस्त्र बना विद्यार्थियों का सर्वांंगीण विकास करें

जीजीटीयू में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज : शिक्षा बहते पानी के समान, जितना बहेगा उतना शुद्ध होगा- बागड़े

उन्होंने कहा कि हमें चुन-चुनकर बच्चों का मार्गदर्शन करना होगा ताकि वही विद्यार्थी अपना और देश का नाम रोशन कर सकें।

बांसवाड़ा। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे शब्द, रुचि, उदाहरण और आचरण को अपना शस्त्र बना विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करें। इन सूत्रों से ही हम विश्व गुरु बनने का सपना साकार कर सकते हैं। बागड़े गोविन्द गुरु जनजातिय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन में शिक्षक एवं शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा बहते पानी की तरह यह जितना बहेगा उतना ही शुद्ध होगा। यदि इसे बांधकर रख दिया गया तो खुद का ज्ञान भी अनुपयोगी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्ञानरूपी दरिया का पूरा उपयोग करते हुए बांटते रहें। इससे विद्यार्थी का दिमाग भरेगा और वो ज्ञान वाला बनेगा।

उन्होंने कहा कि हमें चुन-चुनकर बच्चों का मार्गदर्शन करना होगा ताकि वही विद्यार्थी अपना और देश का नाम रोशन कर सकें। मुख्य वक्ता और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ अतुल सक्सेना ने कहा कि किसी भी देश की नींव उसकी शिक्षा पद्धति होती है। आत्म परमात्म अनुभूति, एकत्व अनुभूति केवल सिद्धांत नहीं अपितु व्यवहार का विषय और परम ध्येय होना चाहिए।  ाकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने कहा कि आज उच्च शिक्षा के मानक बदलने की आवश्यकता है हमें हमारी योग्यता, क्षमता और बोध पर संकोच और अपराध बोध रखने की आवश्यकता नहीं है। हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर आना होगा।

गुलाब वाटिका और जनजतीय संग्रहालय का अवलोकन
राज्यपाल ने इस अवसर कैम्पस की गुलाब वाटिका और जनजातीय संग्रहालय का अवलोकन किया और पूर्व में अपनी ओर से रोपे गए पौधे की जानकरी ली। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग न्यूनतम किया गया और कार्यक्रमों में औपचारिक रूप से अमूमन किए जा रहे प्लास्टिक प्रयोग को पूरी तरह वर्जित किया गया। अतिथि सत्कार में भी अतिथियों को तुलसी एवं अन्य उपयोगी पौधे प्रदान किए गए। आयोजन सचिव डा. राजीव सक्सेना ने प्रस्तावना पेश की एवं आभार कुलसचिव डा. अभिषेक गोयल ने जताया। 

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