हादसों को न्योता देते पार्वती पुलिया के गहरे गड्ढे
नेशनल हाइवे 27 के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे वाहन चालक
पुलिया पर जानलेवा गड्ढे वाहन चालकों के लिए बने मुसीबत
किशनगंज। किशनगंज तहसील क्षेत्र में बहने वाली जीवन दायनी पार्वती नदी पर बनी पुरानी पुलिया इन दिनों छोटे बड़े गड्ढों से सजी हुई है। पुलिया पर हो रहे जानलेवा गड्ढे वाहन चालको के लिए मुसीबत बनते जा रहे है। हर समय बडी दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। खतरें के बीच वाहन चालकों को सफर करना मजबूरी बना हुआ है। वाहन चालकों को गहरे गड्डों को वाहन से टालने का भरकम प्रयास करते हे लेकिन गड्ढे हे कि बच ही नहीं पाते।अगर वाहन चालक जरा सा चुके तो उनके लिए गड्डू जानलेवा बन सकते है। दिन के समय तो इन गढ्डों में वाहन चालक बड़ी मुश्किल से निकल पाते है रात के समय तो यहां हालात और खराब हो जाते है। गहरे गड्ढों से वाहनों में बढ़ रहा मेंटेनेंस का खर्चा : पार्वती पुलिया पर हो रहे गड्डों के कारण यहां से गुजरने वाले हजारों वाहन चालकों को महंगा टोल टैक्स चुकाने के बाद भी अपने वाहनों में मेंटेनेंस का अनावश्यक खर्चा उठाना पड़ रहा है। जिससे वाहन चालकों को आर्थिक परेशानी भी हो रही है। वाहनों की मरम्मत का अतिरिक्त खर्चा वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है। साथ ही समय और धन की भी बबार्दी हो रही है। आए दिन इन गढ़ों में वाहन गिरने से खराब होकर हो जाते हैं जिससे वाहन चालकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।
किशनगंज निवासियों को चुकाना पड़ रहा भारी टोल
कस्बे के वाहन चालक त्रिलोक ने बताया कि रानीबड़ोद, किशनगंज कस्बे के सहित 15 से 20 किलोमीटर के दायरे के वाहन चालको को बारां जाने के लिए भारी भरकम टोल चुकाना पड़ रहा है। कई चार पहिया वाहन धारी वाहन चालक टोल के खर्चे के कारण अपने वाहनों को बारां ले जाने में भी घबराते हैं, क्योंकि बारां आने जाने के बराबर तो वाहन में ईंधन का खर्चा भी नहीं आता है। साथ ही सड़कों पर हो रहे गड्ढे वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे है।
मेंटेनेंस के नाम पर होती हे लिपा पोती : नेशनल हाईवे 27 परियोजना अधिकारियों द्वारा वर्ष में कई बार मेंटिनेश के नाम पर गड्ढों को भरने का कार्य तो किया जाता है लेकिन गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने के कारण गड्ढे महीने भर में ही गहरे हो जाते है।जोड़ में उच्च तकनीकी का इस्तेमाल कर उन्हें भरा जाए ताकि वाहनों के गुजरने से होने वाले कंपन से मलबा बाहर नहीं निकले।
भगवान भरोसे वाहन चालकों का सफर
पुलिया पर मौजूदा समय जानलेवा गड्ढे ओर बारिश के समय भरा पानी पुलिया की सड़क पर चलना भगवान के भरोसे है वाहन चालक अपने वाहनों को गड्डों से बचाते हुए ऐसे चलाते है कि मानों गाड़ी नागिन चाल चल रही हो। कभी बाएं तो कभी दाए तो कभी सामने ही गहरे गढ्डे नजर आते है। ऐसे में आगे पीछे चलने वाले वाहनों को टकराने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है ऐसे हालत में किसी दिन यहां बडी दुर्घटना हो सकती है।
जोड़ पर निकलने लगे तार जानलेवा : पुलिया के पिलरों के ऊपर बने स्लैब के जोड़ जर्जर होने के कारण उनमें तार निकलने लगे हे जो वाहनों के टायरों में लगने से हादसे को न्योता दे रहे हैं।कई जोड़ो पर इतना गहरा गड्ढा है कि छोटे वाहनों,बाइक का टायर तक फंस जाता है, ऐसी ही घटना सोमवार को घटी जब एक बाइक का अगला पहिया गड्ढे में फंस गया जो मुश्किल से निकला ऐसे में अगर कोई तेज रफ्तार वाहन चालक टक्कर मार देता तो क्या अंजाम होता इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
पार्वती पुलिया पर हो रहे गहरे दर्जनों गड्ढे से वाहन चालको को भारी मेंटेनेंस का खर्चा दे रहे है। हर समय दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है।
-त्रिलोक, मैकेनिक
पुलिया के क्षतिग्रस्त होने छोटे बड़े गड्ढों में बरसात का पानी भरा रहने से वाहन एक साथ गड्ढे में गिरने से वाहन में टूटफूट एवं दुर्घटना का आदेश बना रहता है,समय रहते गड्ढों की भरपाई की जाए।
-इंद्रराज सुमन, वाहन चालक
जिम्मेदारों की लापरवाही किसी दिन वाहन चालकों की जिन्दगी पर भारी पड़ सकती है। सफर करने वालों की सुविधाओं का खयाल नहीं है। टोल वसुली से ज्यादा जिंदगी का मोल है। गड्ढों की समय पर भरपाई होनी चाहिए।
-भीमराज, क्षेत्रवासी
नेशनल हाईवे प्रशासन के कर्मचारी आंखे मूंदकर बैठे है। पुलिया के गहरे गड्ढे किसी दिन वाहन चालको की जान ले बेठेंगे। बिना लापहरवाही बरते गड्ढों को जल्द ठीक करवाया जाना चाहिए।
-रवि कटारिया, भाजपा नेता
हाइवे के हालात सुधारे जाने चाहिए। लोगों को तकलीफ होती है। गढ्डों से सफर वाहन चालकों के लिए मुसीबत और खतरे से भरा है। पुलिया की सड़क के गढ़ड़े को ठीक तरीके से भरवाकर राहत देनी चाहिए।
-मनीष नागर, उपसरपंच रानीबडोद
कोटा से लेकर शाहबाद तक पूरी सड़क के डामरीकरण का टेंडर हो गया है बारिश का दौर लंबा होने के चलते कार्य शुरू नहीं हो पाया।बारिश रुकते ही कार्य शुरू किया जाएगा।प्राथमिक रूप से पुलियाओं के गड्ढों को भरेंगे।
-सक्षम गर्ग, एनएचएआई अधिकारी

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