बदहाल व्यवस्था और जानलेवा सफर का सामना कर रहे यात्री
नाहरगढ़ बस स्टैंड पर यात्री बदहाल, आखिर कब मिलेगी राहत?
समाजसेवी बने सहारा, पर प्रशासन सोया!
नाहरगढ़। नाहरगढ़ बस स्टैंड का इन दिनों हाल बेहाल है और यात्रियों की परेशानी चरम पर है। कहने को तो यहां समाजसेवियों की बदौलत कुछ सुविधाएं मिली हैं लेकिन रोडवेज प्रबंधन की घोर लापरवाही ने इन प्रयासों पर पानी फेर दिया है। आलम यह है कि यात्रियों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है। काफी समय से नाहरगढ़ बस स्टैंड पर यात्री प्रतीक्षालय तक नहीं था। यात्रियों को खुले आसमान के नीचे धूप, बारिश और ठंड झेलनी पड़ती थी। ऐसे में समाजसेवी डॉ. महेंद्र गर्ग देवदूत बनकर सामने आए और उन्होंने अपनी नेक कमाई से एक शानदार यात्री प्रतीक्षालय विश्रामालय का निर्माण करवाया। इतना ही नहीं यात्रियों को शुद्ध और ठंडा पानी मिल सके, इसके लिए कंपाउंडर नवल किशोर विजय ने वाटर कूलर लगवाकर एक और बड़ी राहत दी। इन प्रयासों से लगा कि अब यात्रियों की मुश्किलें कम होंगी लेकिन रोडवेज प्रबंधन की उदासीनता ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
खटारा बसें, जानलेवा सफर और बेसुध रोडवेज
नाहरगढ़ से गुना (मध्यप्रदेश) तक निजी बसें धड़ल्ले से चल रही हैं, लेकिन नाहरगढ़ से बारां-कोटा रूट पर रोडवेज बसों का हाल बद से बदतर होता जा रहा है। एक समय था जब हर घंटे बसें मिला करती थीं, लेकिन अब लापरवाही की हद तो देखिए, धीरे-धीरे बसों को बंद करते-करते सिर्फ दो खटारा, कबाड़ और छोटे डिब्बे जैसी बसें ही बची हैं। ये बसें इतनी जर्जर हैं कि इनमें सफर करना अपनी जान जोखिम में डालने जैसा है। कुछ महीने पहले एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जब एक रोडवेज बस का अंदरूनी फर्श फट गया और चलती बस से एक छोटी बच्ची नीचे गिर गई। गनीमत रही कि बच्ची को गंभीर चोटें नहीं आईं, लेकिन यह घटना रोडवेज प्रबंधन की लापरवाही का जीता-जागसबूत है। ऐसे में यात्री डर के साए में यात्रा करने को मजबूर हैं।
शिकायतें अनसुनी, आखिर कब जागेगा प्रबंधन?
यात्रियों की परेशानी जब हद से ज्यादा बढ़ गई तो उन्होंने रोडवेज प्रबंधन के नंबर पर शिकायतें करना शुरू किया। ग्रामीण लगातार अपनी आपबीती सुना रहे हैं और सुधार की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन मजाल है कि कोई कार्रवाई हो। लगता है रोडवेज प्रबंधन ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है और यात्रियों की सुरक्षा से उन्हें कोई सरोकार नहीं है। यह लापरवाही साफ तौर पर दर्शाती है कि आम जनता की सुविधाओं और सुरक्षा को ताक पर रखकर बस अपनी मनमानी की जा रही है। स्थानीय प्रशासन और उच्च अधिकारियों को इस गंभीर मामले पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और यात्रियों को सुरक्षित और सुगम यात्रा उपलब्ध करानी चाहिए।
हमें रोजगार के लिए या दूसरे कामों से बारां-कोटा जाना पड़ता है लेकिन बसें मिलती ही नहीं। अगर मिल भी जाए, तो वो इतनी खटारा होती हैं कि जान हथेली पर रखकर चलना पड़ता है।
- विजयपाल सिंह बिकावत, ग्रामवासी
ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए प्रयास जारी है। इस संदर्भ में अधिकारियों से भी बात की है। जल्द ही बस सेवा शुरू होगी। जिससे ग्रामीणों को राहत प्रदान की जा सके।
- ऋषिपाल सिंह बिकावत, भाजपा कार्यकर्ता
इन सभी बसों की पुरानी समय-सारणी को लिखकर मंत्री के पास सूचना दी जाएगी। पहले भी इस संबंध में जानकारी दी जा चुकी है। जनता बेहद परेशान है और जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करना बहुत जरूरी है।
- डॉ. ललित मीणा, विधायक
मेरी नई पोस्टिंग है, पुरानी बसों की जानकारी नहीं है। बसों की कमी है इसलिए ज्यादा बसें नहीं लगा पा रहे। जल्द ही सुबह 9:30 बजे वाली कस्बाथाना कोटा बस शुरू होगी और नाहरगढ़ से कोटा के लिए भी एक नई बस चलाई जाएगी।
- योगेंद्र सिंह, रोडवेज मुख्य प्रबन्ध बारां

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