मेडिकल व्यापारी के घर एक करोड़ की लूट : पत्नी-बेटी को बंधक बनाया, 10 महीने के मासूम को मारने की दी धमकी
जान से मारने की धमकी दी
उनके जाने के बाद बेटी ने जैसे-तैसे कर तकिए के नीचे रखे मोबाइल को उठाया और रिश्तेदार रमेश माहेश्वरी को कॉल किया।
बाड़मेर। बाड़मेर में एक मेडिकल व्यापारी के परिवार को बदमाशों ने बंधक बना घर में रखे करीब 93 लाख के सोने-चांदी के जेवरात और 5 लाख कैश लूट लिए। हथियारबंद लुटेरों ने मेडिकल व्यापारी उत्तमचंद भूतड़ा, उनकी पत्नी कमला देवी और बेटी माया के हाथ-पैर बांध दिए और मुंह पर टेप लगा दी। उत्तमचंद के साथ मारपीट भी की। घटना जिले के गडरारोड इलाके के मुख्य बाजार में बुधवार देर रात 2 बजे की है।
बदमाशों ने इस दौरान 10 महीने के मासूम को जान से मारने की भी धमकी दी। बदमाशों के पास पिस्तौल और लोहे के सरिया थे। घर की छत से अंदर घुसे- उत्तमचंद भूतड़ा का मेडिकल स्टोर है। तीन दिन पहले उनकी बेटी माया मां-बाप से मिलने आई थी। बुधवार रात को घर में उनकी पत्नी, बेटी और 10 महीने का दोहिता था। बेटा रानेश किसी काम से अहमदाबाद गया हुआ था। उत्तमचंद ने बताया, नकाबपोश बदमाश छत के रास्ते घर में घुसे थे। बदमाशों ने उत्तमचंद के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और हाथ-पैर बांध दिए। इसी तरह पत्नी और बेटी के भी बदमाशों ने हाथ-पैर बांध दिया।
जान से मारने की धमकी दी
उत्तमचंद की बेटी माया ने बताया, हाथ-पैर बांधकर सभी को एक जगह बैठा दिया था। एक के हाथ में पिस्तौल थी, बाकी के पास सरिया था। इसी दौरान मेरा बेटा जाग गया और रोने लगा। बदमाशों ने धमकाया कि यदि आवाज निकली तो इसे जान से मार देंगे। बेटी ने बताया, इस पर मैंने उनसे कहा कि हमें मारना मत सब कुछ लूट कर ले जाओ। बदमाशों ने बेटी से उनके घर में रखे जेवरात और सामान के बारे में पूछा। इसके बाद बदमाश घर में रखा 35 तोला सोना, 40 किलो चांदी और 5 लाख रुपए कैश लूट कर फरार हो गए। इस दौरान बदमाश कह रहा था, कि मेरा नाम मनु विश्नोई है।
एक घंटे तक बंधक बनाए रखा, परिजनों को फोन किया
बदमाशों ने रात करीब 3 बजे तक इस वारदात को अंजाम दिया। उनके जाने के बाद बेटी ने जैसे-तैसे कर तकिए के नीचे रखे मोबाइल को उठाया और रिश्तेदार रमेश माहेश्वरी को कॉल किया। सूचना मिलने पर देर रात पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया, चार बदमाश थे, जिन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। परिजनों का आरोप हैं, कि थाना अधिकारी ने उच्च अधिकारियों को इस बारे में नहीं बताया। यदि समय पर बता देते तो बदमाश पकड़ में आ जाते।

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