पेयजल को तरसते आक्रोशित लोगों ने किया टंकी पर प्रदर्शन

हाथों-हाथ शुरू कराई गई आपूर्ति

पेयजल को तरसते आक्रोशित लोगों ने किया टंकी पर प्रदर्शन

बीकानेर। बीकानेर पश्चिमी में स्थित मुरलीधर व्यास कॉलोनी में पिछले तीन दिन से ठप्प जलापूर्ति पर कॉलोनी वासियों में भारी रोष है। मोहल्ला वासियों ने कई बार अपने स्तर जलापूर्ति शुरू करवाने के लिए प्रयास किए, लेकिन काम नहीं बना। इस भीषण गर्मी में तीन दिन तक पूरी कॉलोनी में पानी नहीं आने से परेशान कॉलोनी वासियों ने मंगलवार सुबह मुरलीधर टंकी पर सैकड़ों की तादाद में इकटठा हो कर जमकर प्रदर्शन किया।

 बीकानेर।  बीकानेर पश्चिमी में स्थित मुरलीधर व्यास कॉलोनी में पिछले तीन दिन से ठप्प जलापूर्ति पर कॉलोनी वासियों में भारी रोष है। मोहल्ला वासियों ने कई बार अपने स्तर जलापूर्ति शुरू करवाने के लिए प्रयास किए, लेकिन काम नहीं बना। इस भीषण गर्मी में तीन दिन तक पूरी कॉलोनी में पानी नहीं आने से परेशान कॉलोनी वासियों ने मंगलवार सुबह मुरलीधर टंकी पर सैकड़ों की तादाद में इकटठा हो कर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर कांग्रेस नेता एवं राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के सदस्य राजकुमार किराडू तत्काल मौके पर पहुंचे।

साथ ही भाजपा नेता व पूर्व पार्षद गोकुल जोशी, पार्षद प्रतीक स्वामी, जितेन्द्र जोशी, राजबिहारी जोशी, महेश पुरोहित, विजय आचार्य, योगेश बिस्सा, पंकज कल्ला गोपाल पुरोहित, गिरिराज जोशी, अजय पुरोहित, राजेश कुमार, त्रिभुवन रंगा, गिरधारी सुथार, विजय व्यास व नुकरा महाराज सहित बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। कांग्रेस के नेता किराडू ने संबंधित अधिकारियों को मौके पर ही बुलाकर जलापूर्ति शुरू करवाने को कहा। एसडीएमए सीओ सिटी, जलदाय विभाग के एस ई बलवीर सिंह, एक्सईएनए एईएन व जेईएन की मौजूदगी में लिखित में आश्वासन लिया तथा कॉलोनी में हाथोंहाथ जलापूर्ति शुरु करवाई ।

कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू ने बताया कि मुरलीधर व्यास कॉलोनी में टंकी होते हुए भी कॉलोनी को नया शहर टंकी से आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन दो तीन दिन से यहां से भी आपूर्ति नहीं हो रही थी। जब उन्होंने अधिकारियों से जानकारी ली तो पता चला कि एमडीवी टंकी से गंगाशहर, श्रीरामसर, भीनासर व कई निजी कॉलोनियों में जलापूर्ति की जाती है, लेकिन अब से 4 घंटे इस टंकी से मुरलीधर व्यास कॉलोनी को आपूर्ति की जाएगी। जैसा कि पूर्व में भी यही व्यवस्था थी। किराडू ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के चलते यह व्यवस्था बंद कर दी थी। अधिकारियों द्वारा 2 कर्मचारी नियुक्त करने का लिखित आदेश दिया।

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