असर खबर का - खटखड़ एवं नीम का खेड़ा क्षेत्र में उर्वरक विक्रेताओं के लाईसेंस निलंबित
तीन विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी
सात दिनों में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए गए हैं।
नमाना रोड़। दैनिक नवज्योति ने 27 जुलाई और 4 अगस्त के अंक में प्रकाशित खबर को प्रमुखता से लेते हुए खबर का हुआ है। तीन उर्वरक डीलरो के लाइसेंस निलंबित किए और सभी डीलरो को उर्वरक विक्रय करने से पहले स्थानीय कृषि विभाग को दें तथा विभागीय अधिकारियों की निगरानी में ही विक्रय करें। जिले में उर्वरक निरीक्षकों द्वारा आदान विक्रेताओं के निरीक्षण के दौरान गंभीर अनियमितताओं के चलते दो प्रतिष्ठानों के उर्वरक लाइसेंस 14 दिनों के लिए निलंबित किए गए है, जबकि तीन विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। संयुक्त निदेशक कृषि (विकास) कौशल कुमार सोमानी ने बताया कि मैसर्स अम्बिका एंटरप्राइजेज, खटखड़ एवं श्री बालाजी कृषि सेवा केंद्र, नीम का खेड़ा का एक अगस्त को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में अम्बिका एंटरप्राइजेज में स्टॉक रजिस्टर एवं गोदाम में उपलब्ध उर्वरकों के स्टॉक में भिन्नता, विक्रय की सूचना अधिसूचित प्राधिकरण को प्रेषित नहीं करना, और स्टॉक एवं मूल्य सूची का प्रदर्शन न करना जैसी गम्भीर कमियां पाई गईं। ये सभी "उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985" के तहत स्पष्ट उल्लंघन हैं। इन्हीं खामियों के आधार पर अम्बिका एंटरप्राइजेज का उर्वरक लाइसेंस 14 दिवस के लिए निलंबित किया गया है। इसी प्रकार, श्री बालाजी कृषि सेवा केंद्र, नीम का खेड़ा में भी स्टॉक अनियमितता, किसानों को बिल जारी न करना, प्वाइंट आॅफ सेल मशीन का संचालन बंद होना, विक्रय की सूचना नियमित रूप से न भेजना व स्टॉक,मूल्य सूची का प्रदर्शन न करना, जैसी गंभीर कमियाँ सामने आईं। इसे कालाबाजारी का प्रथम दृष्टया मामला मानते हुए फर्म का लाइसेंस भी 14 दिवस के लिए निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों फर्मों को सात दिनों में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए गए हैं, अन्यथा लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही होगी।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार किसान करें यूरिया का प्रयोग
संयुक्त निदेशक ने बताया कि सभी आदान विक्रेताओं को सावचेत किया है कि उर्वरक की प्राप्ति की सूचना स्थानीय कृषि विभाग को दें तथा विभागीय अधिकारियों की निगरानी में ही विक्रय करें। किसानों को सलाह दी गई है कि वे उर्वरकों का उपयोग केवल विभागीय सिफारिशों अथवा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही करें, ताकि उपज और मृदा स्वास्थ्य में सुधार हो सकें।

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