आस्था का प्रमुख केंद्र है बोरड़ा गणेश मंदिर
देवली बनास नदी और प्राकृतिक छटा से आकर्षित होते पर्यटक
बनास नदी किनारे स्थित बोरड़ा गांव स्थित बरसों पुराना भगवान गणेश का मन्दिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर मेले का आयोजन होता है।
देवली। बनास नदी किनारे स्थित बोरड़ा गांव स्थित बरसों पुराना भगवान गणेश का मन्दिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर मेले का आयोजन होता है। गणेश चतुर्थी पर बुधवार को मेले का आयोजन होगा।देवली में बनास नदी के तट स्थित क्षेत्र का बोरड़ा गणेश मन्दिर पर्यटन के रूप में विकसित होता जा रहा है। धार्मिक आस्था के साथ नदी किनारे होने के चलते पर्यटकों का बोरड़ा गणेश मन्दिर की तरफ रुझान बढ़ता जा रहा है। इसके चलते प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां हर मौसम में लोगों की आवाजाही रहती है। इसे लेकर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। भगवान गणेश की प्राचीन प्रतिमा के दर्शन के साथ ही बनास नदी का सुन्दर नजारा लोगों को आकर्षित कर रहा है। वहीं नदी में नौकायन लोगों की पसंद बन रही है।
ऐसे है अलग पहचान
बोरड़ा गणेश मन्दिर की प्राकृतिक छटां इसे अन्य धार्मिक स्थलों के अलग पहचान दिलाती है। बनास नदी किनारे होने से यह बहुत रमणीय व प्राकृतिक स्थल है। इसी वजह से क्षेत्र के दर्जनों लोग सुबह-शाम भ्रमण के लिहाज से यहां आते है। समूचा क्षेत्र हरियाली से युक्त होने से मन को आकर्षित करता है। मंदिर के पुजारी रामस्वरूप मीणा ने बताया कि यह मंदिर करीब 100 साल पुराना है। प्रकृती की गोद में बसे इस मंदिर से शाम के दौरान पहाडियÞों के पीछे अस्त होता सूर्य भी आबू पर्वत के सनसेट प्वाइंट के समान दिखाई देता है। लिहाजा श्रद्धालु व पर्यटकों को यह स्थल खींच रहा है। मन्दिर परिसर में बना उद्यान भी पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक साबित हो रहा है।

Comment List