बारिश शुरू होने के साथ ही बीमारियों ने पैर पसारे
खान पान में रखनी पड़ेगी सावधानियां
अस्पताल में रोगियों की संख्या में हो रहा इजाफा।
पेच की बावड़ी। कस्बे सहित क्षेत्र में इन दिनों बरसात होने के साथ साथ ही मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ गया है। क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों में लगातार मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। कस्बे में स्थित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी मौसमी बीमारियों के मरीजों का आना जाना हो रहा है। वही इन दिनों अस्पताल में उल्टी दस्त ,नजला झुकाम ,बुखार के मरीज आ रहे है। जिससे अस्पताल के आउटडोर में मरीजों का इजाफा होने लगा है। जानकारी के अनुसार मौसम बदलने के साथ साथ जल जनित रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है जिनमे फूड पॉयजनिंग ,डेंगू,मलेरिया ,चिकनगुनिया,रोगों का खतरा बना रहता है। ऐसे में बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी रखनी होगी। अपने घर के आसपास बारिश का पानी इकट्ठा नही होने दे । साथ ही घर में उपयोग होने वाले कूलर, पानी टंकी को समय पर साफ सफाई का ध्यान रखे । वही आसपास झाड़ झंखाल साफ करे नहीं तो इनकी वजह से स्क्रब तायफस का खतरा बना रहता है। चिकित्सालय में इन दिनों रोगियों की संख्या में इजाफा होने लगा है। पूर्व में आउटडोर 30से 40 रोगी आते थे अब करीब 50 से 60 रोगी प्रतिदिन इलाज के लिए आ रहे है।
खान पान में रखे विशेष ध्यान
चिकित्सा अधिकारी प्रभारी चिकित्सक गौतम यादव ने बताया कि इन दिनों ताजा भोजन और तरल पदार्थ का सेवन अधिक से अधिक करे। जिसमे मौसमी फलो का ज्यूस ,पानी ,नारियल पानी का अधिक से अधिक सेवन करे और संतुलित आहार लेवे। साथ ही फल एवं सब्जियों को शुद्ध पानी से धोकर काम में लेवे ।अन्यथा उल्टी दस्त का खतरा बढ़ जाता है। आशा सहयोगिनी एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा बरसात के दिनों में गंदे पानी से भरे हुए गड्ढों में क्रूड आॅयल एवं साफ पीने योग्य पानी में एमएलओ डालने का कार्य किया जाता है। साथ ही घर-घर जाकर बुखार के रोगियों की स्लाइड बनाई जाती है।
इनका कहना है
पेच की बावड़ी कस्बे के आसपास करीब आधा दर्जन ग्राम पंचायत आती है जिसमे हजारों की संख्या में ग्रामीण निवास करते है। सबको स्वास्थ्य सुविधा चाहिए जिसके लिए राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए । जिससे मौसमी बीमारियों के चलते ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके ।
- चेतन राठौर, कालामांल
ग्राम पंचायत द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिय नालियों , गड्ढों आदि में आॅयल डाला जाता है। साथ ही मच्छरों के लिय फॉगिंग करवाई जाती है।
- सीमा मीना, सरपंच ग्राम पंचायत पेच की बावड़ी
बरसात होने के साथ साथ जलजनित रोग का प्रकोप बढ़ता है। लोगो को तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए एवं पानी भी अधिक मात्रा में पीना चाहिए ।
- अर्पित जैन, युवा व्यवसायी,पेच की बावड़ी
बारिश के मौसम में लोगों को अपने आसपास गंदगी नही होने देना चाहिए । जिससे मच्छर पैदा न हो । जिससे बीमारियों से बचा जा सके ।
- जगनारायण सोनी, व्यवसायी,पेच की बावड़ी
लोग अपने आसपास गंदगी के ढेर नही लगाए, जिससे स्क्रब टायफस का खतरा रहता है।
- अनिल माली, व्यवसायी,पेच की बावड़ी
बीमारियों से बचाव के लिए चिकित्सा विभाग चलाता है अनेक कार्यक्रम
मौसमी बीमारियों को लेकर चिकित्सा विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जाते है जिसमें अभी मुख्यतया एंटी लार्वा एक्टीवीटी है जिसमे पानी की टंकियों में एमएलओ और गंदे पानी के गड्ढों,नालियों में क्रूड आॅयल डाला जाता है। वही बुखार के रोगियों की स्लाइड ली जाती है। चिकित्सालय में मौसमी बीमारियों के इलाज के लिय आवश्यक दवाइयां उपलब्ध होती है। आमजन को इन दिनों में साफ सफाई एवं खान पान में विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
- डॉ गौतम यादव, चिकित्साधिकारी प्रभारी ,राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,पेच की बावड़ी।
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