शोभायात्रा के साथ सांवलिया जी में जलझूलनी मेले का आगाज : रंगों से सराबोर श्रद्धालु, बॉलीवुड सिंगर ऋचा शर्मा देगी प्रस्तुतियां
आज निकलेगी सांवलिया सेठ की रथयात्रा
इस शोभायात्रा में कस्बे के विभिन्न विद्यालयों की देव रूपी झांकियां शोभायात्रा की अलग ही शोभा बढ़ा रही थी।
मंडफिया। मेवाड़ अंचल के प्रमुख तीर्थ स्थल भगवान श्री सांवलिया जी सेठ मंडफिया के दरबार में जलझूलनी एकादशी का तीन दिवसीय मेला मंगलवार को शोभायात्रा के साथ प्रारंभ हुआ। मेले के प्रथम दिन तेजा दशमी पर्व पर भगवान श्री सांवलिया जी सेठ की शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से दोपहर 2 बजे प्रारंभ हुई। शोभायात्रा का मंदिर बोर्ड अध्यक्ष हजारीदास वैष्णव एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन एवं मंदिर के मुख्य निष्पादन अधिकारी प्रभा गौतम एवं बोर्ड सदस्यों द्वारा भगवान सांवलिया सेठ की अगवानी कर मेले का श्री गणेश किया। शोभायात्रा में सजे धजे घोड़े, ऊंट व हाथी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। इन पर केसरिया पोशाकों में बैठे पुजारीचारों ओर गुलाल उड़ाते और श्रद्धालु बैंड बाजे, ढोल, मांडल एवं हारमोनियम की मधुर धुनों में भक्त नाचते गाते भगवान सांवलिया सेठ के जयकारे लगातेचल रहे थे। इस मौके पर सर्वत्र वातावरण कृष्ण भक्ति में ओत - प्रोत हो गया।
इस शोभायात्रा में कस्बे के विभिन्न विद्यालयों की देव रूपी झांकियां शोभायात्रा की अलग ही शोभा बढ़ा रही थी। शोभायात्रा मंदिर परिसर से धीमी गति से बढ़ते हुए शिव मंदिर चौक पहुंची जहां बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्तजन भगवान की प्रतिमा के दर्शन के लिए आतुर दिखाई दिए। इसके बाद शोभायात्रा गढ़ी के देवर के सामने से गुजरते हुए कबूतर खाना, ब्रह्मपुरी मोहल्ला एवं सदर बाजार होती हुई रात्रि 8 बजे पुन: मंदिर परिसर में पहुंची। जलझूलनी एकादशी बुधवार को भगवान श्री सांवलिया जी सेठ की विशाल रथयात्रा दोपहर 12 बजे मंदिर परिसर से प्रारंभ होगी। रथयात्रा नगर भ्रमण करते सांवलिया सरोवर पहुंचेगी। जहां भगवान की विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर स्नान कराया जाएगा।
आज निकलेगी चारभुजाजी की सवारी
चारभुजा। मेवाड़ व मारवाड़ ही नहीं राजस्थान का जलझूलनी एकादशी का मुख्य मेला बुधवार को भरेगा। इस बार अच्छी वर्षा से दूध तलाई लबालब होने से श्रद्धालु पानी की बौछारों से चारभुजा जी के विग्रह को शाही स्नान कराने का लुफ्त उठाएंगे। चारभुजाजी की राजभोग आरती व भोग रस्म के बाद बुधवार सुबह 11:45 बजे ठाकुरजी के बाल स्वरूप को सोने की पालकी में विराजमान कराकर शाही लवाजमे के साथ शोभायात्रा दूधतलाई की ओर प्रस्थान करेगी। शोभायात्रा में आयुध, गोटे, छड़ी, बलगम, मोरपंखी के अलावा हाथी, ऊंट व घोड़े शामिल होंगे।

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