राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पद रिक्त होने पर यूटीबी चिकित्सकों की सेवाएं जारी रखें
नियमित नियुक्ति के बाद भी रिक्त पदों पर यूटीबी चिकित्सकों की सेवा जारी रहे
राजस्थान हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि नियमित नियुक्ति के बावजूद यदि चिकित्सकों के पद रिक्त हों तो यूटीबी आधार पर कार्यरत याचिकाकर्ता डॉक्टरों की सेवाएं जारी रखी जाएं। करौली व धौलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत इन चिकित्सकों को अचानक ड्यूटी से रोकने पर अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें सेवा में बनाए रखने का आदेश दिया।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि नियमित रूप से नियुक्ति के बाद भी यदि चिकित्सकों के पद रिक्त रहते हैं तो उन पर याचिकाकर्ता यूटीबी चिकित्सकों की सेवाएं जारी रखी जाएं। जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने यह आदेश राजवीर व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता करौली और धौलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कई सालों से यूटीबी आधार पर चिकित्सा अधिकारी के तौर पर काम कर रहे हैं। विभाग की ओर से समय-समय पर उनकी सेवा अवधि को बढ़ाया गया, लेकिन बीते 28 अक्टूबर को अचानक स्थानीय सीएमएचओ ने उन्हें ड्यूटी पर आने से मना कर दिया।
याचिका में कहा गया कि विभाग की ओर से चिकित्सकों की नियमित नियुक्ति की गई है। जिसमें कई चिकित्सकों ने नियमित पद ग्रहण कर लिया है। इसके बावजूद भी वर्तमान में कई पद रिक्त चल रहे हैं। याचिका में कहा गया कि वे ग्रामीण क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं और इसके बदले उन्हें पीजी पाठ्यक्रम में बोनस अंकों का लाभ मिलेगा। ऐसे में यदि उन्हें अचानक सेवा से हटाया गया तो उनका पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रभावित होगा। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को नियमित नियुक्ति के बाद पद रिक्त रहने पर सेवा में बनाए रखने को कहा है।

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