एक पति को अपनी हत्या के मामले में जेल भेज, दूसरे के साथ जिंदगी गुजारती मिली
शादी के आठ दिन बाद ही लापता हुई थी महिला, सात साल बाद जिंदा निकली
मामला मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र का है, जहां एक दुकान पर नौकरी करने वाले युवक की 2015 में बालाजी दर्शनों को आई मथुरा जिले की रहने वाली युवती आरती से जान पहचान हुई और दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली।
मेहंदीपुर बालाजी। यूपी पुलिस की कार्यशैली ने फिल्मों के कुछ अजीबोगरीब वाकये को हकीकत साबित कर दिया। सात साल पहले जिस महिला के मर्डर केस में दो युवक 18 महीने और 9 महीने की सजा काट चुके थे, वह महिला जिंदा निकली और दूसरे युवक के साथ शादी कर जीवनयापन करती मिली। इसकी सूचना पर यूपी की स्पेशल पुलिस टीम ने शनिवार को दबिश देकर महिला को हिरासत में ले लिया। मामला मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र का है, जहां एक दुकान पर नौकरी करने वाले युवक की 2015 में बालाजी दर्शनों को आई मथुरा जिले की रहने वाली युवती आरती से जान पहचान हुई और दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। शादी के 8 दिन बाद ही महिला उसे छोड़कर अचानक लापता हो गई। इसके बाद महिला के पिता ने दो युवकों पर उसकी बेटी की हत्या कर शव फेंकने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करवा दी। पुलिस ने रसीदपुर निवासी सोनू सैनी व उदयपुरा निवासी भगवान व गोपाल सैनी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिन्हें बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली। महिला के जिंदा मिलने के बाद अब यूपी पुलिस की जांच सवालों के घेरे में आ गई है। ऐसे में स्पेशल पुलिस टीम ने मामले को इन्वेस्टिगेशन के लिए अपने हाथ में ले लिया गया है।
मेहंदीपुर बालाजी में हुई थी जान-पहचान
मर्डर केस में बेल पर चल रहे रसीदपुर निवासी सोनू सैनी ने बताया कि वह 2015 में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के सामने समाधि वाली गली स्थित एक दुकान पर नौकरी करता था। इस दौरान बालाजी के दर्शनों को आए वृंदावन निवासी सूरज प्रसाद से उसकी जान पहचान हुई। तभी उसकी बेटी आरती से उसका अफेयर हुआ। इसके 20 दिन बाद आरती ने दोबारा बालाजी आकर सोनू से प्यार का इजहार किया और शादी करने की इच्छा जताई। इस पर दोनों ने बांदीकुई कोर्ट में 8 सितंबर 2015 को कोर्ट मैरिज कर ली। शादी के तुरन्त बाद आरती ने जायदाद अपने नाम कराने, फोर व्हीलर व 50 हजार की डिमांड की। सोनू ने इसके लिए मना किया तो वह 8 दिन बाद अचानक लापता हो गई।
पिता ने दर्ज करवाई थी गुमशुदगी:आरती के लापता होने के बाद उसके पिता सूरज प्रसाद ने वृंदावन कोतवाली थाने में 25 सितंबर 2015 को गुमशुदगी दर्ज करवाई। जिसमें सोनू सैनी निवासी रसीदपुर, भगवान उर्फ गोपाल सैनी निवासी उदयपुरा व अरविन्द पाठक निवासी अलवर के नाम का भी जिक्र किया। गुमशुदगी दर्ज होने के बाद 29 सितंबर 2015 को मथुरा जिले के नहरी क्षेत्र में अज्ञात महिला का शव मिला। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करवाने वाले आरती के पिता सूरत प्रसाद से शव की पहचान करवाई। इसके बाद सूरज प्रसाद ने सोनू समेत कई लोगों पर हत्या कर शव फेंकने का आरोप लगाते हुए शव मिलने के 6 महीने बाद 17 मार्च 2016 को एफआइआर दर्ज करवाई।
यूं चला गिरफ्तारी का सिलसिला
मामले में पुलिस ने चोरी के आरोप में बिड़ला मंदिर मथुरा से संजय सैनी, महेश निवासी उदयपुरा को, मनोहरलाल निवासी बिड़ला मंदिर वृंदावन को हिरासत में लिया। इसके बाद वृंदावन पुलिस ने बालाजी पहुंचकर सोनू व गोपाल उर्फ भगवान सिंह को भी हिरासत में ले लिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद सोनू व गोपाल उर्फ भगवान सिंह को 302 का आरोपी मानते हुए चार्जशीट पेश कर दी। मामले में गोपाल को 9 महीने, सोनू 18 महीने तक जेल में बंद रहा। जिन्हें बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली।सात साल बाद जिंदा मिली लापता आरती :हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोनू व गोपाल ने आरती की काफी जगह तलाश की, लेकिन पता नहीं चला। कुछ दिन पहले मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के विशाला गांव के युवक ने बताया कि यूपी के उरई की एक महिला विशाला गांव में एक परिवार में रहती है।
इस पर उन्हें संदेह होने पर जानकारी खंगाली तो आरती नाम की महिला जिंदा निकली। इस पर दोनों युवकों ने बालाजी थाना इंचार्ज अजीत बड़सरा से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद मथुरा के थाना इंचार्ज अजय कौशल के नेतृत्व में टीम विशाला गांव पहुंची। टीम के एक सदस्य ने वेरिफिकेशन के लिए अकेले पहुंचकर महिला से बात कर पहचान की पुष्टि की। इसके बाद टीम ने दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया।

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