विरोध के बाद बाल विवाह रजिस्ट्रेशन कानून पर सरकार का यू-टर्न : राठौड़
राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक पर गर्माई सियासत
जयपुर। राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021पर सियास एक बार फिर गर्मा गई है। मुख्यंत्री अशोक गहलोत के बयान सुप्रीम कोर्ट की भावनाओं के अनुकूल कानून पारित किया गया, लेकिन इस कानून को लेकर कंट्रोवर्सी पैदा हुई है। हमने पहले भी इस पर कानूनी राय ली है। गवर्नर साहब से निवेदन करेंगे कि जो कानून हमने पास किया है, वो हमारे पास वापस भेज दें। हम इसे दिखवा लेंगे। आगे कानूनी राय अगर विपरीत आएगी तो, हम इसे आगे नहीं बढ़ाएंगे। सीएम गहलोत के इस बयान के बाद अब राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बयान जारी कर कहा है कि विगत माह सितंबर में सत्र के दौरान राजस्थान विधानसभा में पारित राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक 2021 पर गहलोत सरकार को देशव्यापी स्तर पर हो रही सरकार की आलोचनाओं, विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध तथा राज्यपाल महोदय द्वारा टिप्पणी कर इसे वापिस भेजने के बाद अब यू-टर्न लेना ही पड़ा।
राठौड़ ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार विधानसभा में यह बिल लाकर बाल विवाह को प्रोत्साहन देने का महापाप कर रही थी तब मेरे सहित प्रतिपक्ष के सभी विधायकों ने इस बिल का जमकर विरोध किया था लेकिन सरकार ने हमारी दलीलों को उस वक्त स्वीकार नहीं किया।
राठौड़ ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए ! मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने आखिरकार इस बिल को वापिस लेने का निर्णय किया है। अगर कांग्रेस सरकार ने इस बिल के संबंध में कानूनी राय और अध्ययन वक्त रहते पहले ही किया होता, तो आज सरकार के समक्ष बिल को लेकर इस तरह से यू-टर्न लेने की नौबत नहीं आती।
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