प्रदेश में 15 माफिया, नियम-कानून और सिस्टम को बता रहे धता
2022 में चिन्हित 15 तरह के माफियाओं के 499 गिरोह
वाहन चोरों के 46, शराब तस्करों के 112 और अवैध हथियारों के धंधे वाले 73 हैं। वन सम्पदा की लूट और वन्यजीव माफिया 8 हैं तो मिलावट व नकली पदार्थ के धंधे में दो माफियाओं की निशानदेही हुई है।
जयपुर। प्रदेश में 15 तरह के माफियाओं ने लोगों का जीना हराम कर रखा है और ये आए दिन कानून को धता बताते हैं। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) और पुलिस मुख्यालय ने ऐसे अलग-अलग श्रेणियों के अपराधियों को 15 माफियाओं के रूप में चिन्हित किया है। इस तरह के 499 गिरोह हैं, जो माफिया रूप ले चुके हैं। ये सरकारी भर्ती, कोचिंग और नकल से लेकर बचत और निवेश और सोशल मीडिया तक में लगे हैं। हाईवे के अपराध और चिकित्सा तंत्र तक में माफिया ने खतरनाक रूप धारण कर लिया है।
कहां कितने माफिया
आधिकारिक सूत्रों पर भरोसा करें तो खनन में 68 माफिया हैं। गौ तस्करी में पांच, ब्लैकमेलिंग में 9, भूमाफिया 37 और मादक पदार्था के धंधे में 134 हैं। वाहन चोरों के 46, शराब तस्करों के 112 और अवैध हथियारों के धंधे वाले 73 हैं। वन सम्पदा की लूट और वन्यजीव माफिया 8 हैं तो मिलावट व नकली पदार्थ के धंधे में दो माफियाओं की निशानदेही हुई है।
चोरी, तस्करी, ठगी की हद पार कर
खनन
प्रदेश में बजरी, पत्थर और मिट्टी की तस्करी में। धौलपुर, टोंक, भरतपुर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर कमिश्नरेट, भीलवाड़ा बड़े केंद्र। संबंधित विभागों की मिलीभगत।
गौतस्कर
अलवर, भरतपुर, भिवाड़ी में सबसे ज्यादा। गौवंश को हरियाणा-यूपी में बेचते हैं। अन्तरराष्ट्रीय सीमा से भी पार करते हैं।
बचत एवं निवेश में
बचत कराने और निवेश का झांसा देने के लिए चेन सिस्टम अपनाकर, नौकरी का झांसा देकर, किसी प्रोजेक्ट में कम समय में अच्छा मुनाफा देकर हजारों से करोड़ों रुपए की ठगी।
ब्लैकमेलिंग
न्यूड वीडियो बनाकर, वॉयस टेप करके, किसी के फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाकर, सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने का डर दिखाकर ब्लैकमेल। बड़े शहर और असावधान लोग निशाना।
भूमाफिया
प्लॉट पर कब्जा करने, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर केस लगाकर मकान व जमीन हड़पने और किराएदार बनकर मकान में घुसने वाल। पुलिस और प्रभावशाली लोगों का संरक्षण।
वाहन चोरी
दौसा, भरतपुर, जयपुर, धौलपुर, सीकर, अलवर, झुंझुनूं, गंगानगर, झालावाड़ में वाहन चोर ज्यादा सक्रिय। दिल्ली, हरियाणा, से भी आते हैं वाहन चोर।
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