प्रदेश में बंद रहेगी 247 मंडियां : दाल-तेल-आटा मिलें व मसाला उद्योग भी नहीं खुलेंगे, व्यापार संघ की धरना-प्रदर्शन की तैयारी
राज्य सरकार की अनदेखी के खिलाफ नाराजगी जताई गई
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की साधारण आमसभा संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता की अध्यक्षता में राजधानी मंडी परिसर में आयोजित हुई।
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की साधारण आमसभा संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता की अध्यक्षता में राजधानी मंडी परिसर में आयोजित हुई। इसमें प्रदेशभर की 247 मंडियों के व्यापारी, तेल मिल, दाल मिल, आटा मिल व मसाला उद्योगों के व्यापारी एवं उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में संघ की तीन प्रमुख मांगों सहित अन्य समस्याओं पर चर्चा की गई और राज्य सरकार की अनदेखी के खिलाफ नाराजगी जताई गई।
बंद की अवधि बढ़ी, 1 मार्च को होगी अगली बैठक
संघ ने 23 से 26 फरवरी तक घोषित चार दिवसीय बंद को 2 मार्च तक बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, 1 मार्च को संघ की अगली साधारण आमसभा आयोजित होगी, जिसमें आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी।
व्यापारियों की प्रमुख मांगें :
1. कृषक कल्याण फीस समाप्त की जाए।
2. बाहर से आयात होने वाली कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स व कृषक कल्याण फीस समाप्त हो।
3. मोटे अनाज (श्रीअन्न) पर 2.25% आढ़त लागू की जाए।
4. मंडी सेस 1% किया जाए।
5. जीरा व इसबगोल पर मंडी सेस व आढ़त यथावत रखी जाए, जबकि धनिया पर भी जीरे की तरह मंडी सेस प्रभावी किया जाए।
6. हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर में सभी कृषि जिंसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर हो।
7. नाम परिवर्तन पर 0.50% राशि वसूली जाए।
8. प्याज को मसाला श्रेणी में शामिल किया जाए।
9. प्रदेश की सभी मंडियों में व्यापार संघों को लैब स्थापित करने की स्वीकृति मिले।
धरना-प्रदर्शन की तैयारी :
संघ ने सभी मंडियों, तेल मिलों, दाल मिलों, आटा मिलों व मसाला उद्योगों को निर्देश दिया है कि इस बंद के दौरान सरकार को जागरूक करने के लिए धरना-प्रदर्शन आयोजित किए जाएं।
संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि जब तक सरकार व्यापारियों की मांगों का समाधान नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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