2005 से पहले के 42.60 लाख वाहन डेढ़ साल में नहीं खुला स्क्रैपिंग सेंटर

दो जिलों में डीजल वाहनों पर रोक

2005 से पहले के 42.60 लाख वाहन  डेढ़ साल में नहीं खुला स्क्रैपिंग सेंटर

एनजीटी के आदेशों के बाद राज्य के एनसीआर में शामिल दो जिलों अलवर व भरतपुर में 10 वर्ष पुराने डीजल वाहन व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है।

ब्यूरो/नवज्योति, जयपुर। केन्द्र सरकार ने भले ही मोटरयान नियम-2021 के दिशा निर्देश जारी कर  दिए हो, लेकिन राजस्थान में अभी यह स्क्रैपिंग की सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। वर्तमान में रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी स्थापित करने के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पर फरवरी 2023 को एक आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसका सरकार परीक्षण करवा रही है। पिछले 53 साल में 42,60,729 वाहन रजिस्टर्ड हुए है, जिसमें वर्ष 1952 से वर्ष 1980 के बीच दो लाख 75 हजार 294 एवं 1980 से वर्ष 2005 के मध्य 39 लाख 85 हजार 435 वाहनों का रजिस्ट्रेशन शामिल है।

दरअसल सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 23 सितंबर, 2021 को अधिसूचना जारी कर मोटरयान (यान स्क्रैपिंग सुविधा का रजिस्ट्रेशन और कार्य) नियम 2021 जारी किए गए। इन नियमों के संबंध में परिवहन विभाग ने 30 जून, 2022 को निर्देश जारी किए। वर्तमान में रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी स्थापित करने के संबंध में एक आवेदन गंगानगर वाहन उद्योग प्राइवेट लिमिटेड जयपुर का 17 फरवरी, 2023 को नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पोर्टल पर प्राप्त हुआ है। इस संस्थान की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण किया जा रहा है।

इन वाहनों के लिए सर्टिफिकेट जरूरी
केन्द्रीय मोटर यान नियमों के अनुसार वाहन जनित प्रदूषण के प्रावधान एक मार्च, 1990 से पूर्व के पंजीकृत वाहनों पर लागू नहीं है, लेकिन एक मार्च, 1990 एवं इसके बाद पंजीकृत वाहनों पर प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से प्रत्येक वाहन (बैटरी आॅपरेटेड वाहन को छोड़कर) के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना अनिवार्य है।

दो जिलों में डीजल वाहनों पर रोक
एनजीटी के आदेशों के बाद राज्य के एनसीआर में शामिल दो जिलों अलवर व भरतपुर में 10 वर्ष पुराने डीजल वाहन व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। वर्तमान में में प्रदेश के पांच शहरों अलवर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर व कोटा में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है।

इनका कहना है
वाहनों के लिए स्क्रैपिंग सेंटर खोलने के लिए एक आवेदन प्राप्त हुआ है, उसका परीक्षण करवाया जा रहा है। वर्तमान में एक भी सेंटर राज्य में नहीं है, जिसके कारण पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग नहीं हो पा रही है। ज्यादा प्रदूषण वाले जिलों में 15 साल पुराने डीजल व्यावसायिक वाहनों को प्रतिबंधित अथवा फेस आउट करने की कार्यवाही की जा रही है।
-बृजेन्द्र ओला, परिवहन राज्यमंत्री

केन्द्र सरकार ने नियम बना दिए, लेकिन राज्य में एक भी वाहन स्क्रैपिंग का सेंटर स्थापित नहीं हो सका। इसमें सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का लेवल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
-राजेन्द्र राजेन्द्र, उपनेता प्रतिपक्ष

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