जयपुर में जेडीए की कार्रवाई : शोरूम, होटल और दुकानों पर चला बुलडोजर, अधिकारियों से उलझे भाजपा विधायक; महिलाओं ने हाथ जोड़कर की कार्रवाई रोकने की अपील
प्रवर्तन दस्ते एवं स्थानीय पुलिस तैनात
कार्रवाई के दौरान जेडीए की टीम को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शहर के सिरसी रोड इलाके में जेडीए करीब ढाई किलोमीटर के एरिया में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए पहुंचा है।
जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण ने झारखंड मोड़ से 200 फीट बाईपास तक सड़क को चौड़ी करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को कार्रवाई शुरू कर दी है। जोन अधिकारियों के साथ ही भारी संख्या में प्रवर्तन दस्ते एवं स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है। जेडीए की समझाइश के दौरान व्यापारियों एवं स्थानीय लोगों ने अतिक्रमणों को अपने स्तर पर ही हटाना शुरू कर दिया था।
वहीं कार्रवाई के दौरान जेडीए की टीम को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। शहर के सिरसी रोड इलाके में जेडीए करीब ढाई किलोमीटर के एरिया में अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए पहुंचा है। जेडीए ने शोरूम, होटल और दुकानों पर बुलडोजर चलाया। कार्रवाई शुरू होते ही स्थानीय लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया।
झारखंड महादेव मोड़ पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान भाजपा विधायक गोपाल शर्मा भी कार्रवाई रोकने पहुंचे। झारखंड महादेव मोड़ पर अभियान के दौरान गोपाल शर्मा ने स्थानीय लोगों की समस्याओं का हवाला देते हुए कार्रवाई का विरोध किया। इस दौरान वह अधिकारियों से उलझ गए। विधायक ने कहा कि पिछले 4 दिन से जनता में आतंक का माहौल है। महिला के साथ बदसलूकी की गई। स्थानीय महिलाओं ने भी कार्रवाई का विरोध किया। वे रोते हुए अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर कार्रवाई रोकने की विनती करती रहीं। विधायक शर्मा ने कहा कि अफसरशाही और सिस्टम बीजेपी सरकार के खिलाफ काम कर रहा है। यह स्थिति सरकार के अनुकूल नहीं है। वहीं कार्रवाई के दौरान रिटायर्ड पुलिस अधिकारी नवदीप सिंह के मकान का अवैध हिस्सा तोड़े जाने पर उन्होंने विरोध किया। इस पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री और सिविल लाइंस के पूर्व विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुआवजा दिए बिना भाजपा सरकार खातीपुरा में तानाशाहीपूर्वक पुलिस और डंडे की ताकत से दुकानें तोड़ने की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास किए बिना, मुआवजा दिए बगैर तोड़-फोड़ गैरकानूनी है। जयपुर वाले कातिलों पर भरोसा कर रहे हैं। इनके रोजगार का कत्ल हो रहा है, इनका रोजगार छिन रहा है।

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