भ्रष्टाचार से टूटी रफ्तार, दो माह शेष 45 फीसदी काम बाकी, केन्द्र से 2026 तक अवधि बढ़ाने का आग्रह
जल जीवन मिशन अपनी कछुआ चाल से आगे नहीं बढ़ पा रहा
मिशन के तहत अब तक 55.25 फीसदी काम हुआ है।
जयपुर। राज्य में जल जीवन मिशन अपनी कछुआ चाल से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। मिशन के तहत अब तक 55.25 फीसदी काम हुआ है। निचले पायदान से राजस्थान का देश में चौथा स्थान हैं। अन्य राज्य मिशन के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूरा कर चुके हैं। मिशन का काम मार्च-2024 तक पूर्ण करना था, लेकिन जेजेएम में पनपे भ्रष्टाचार से लक्ष्य हासिल नहीं हो सका। मिशन की अवधि को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने की सहमति भारत सरकार की ओर से दी जा चुकी है। वहीं राज्य की ओर से मिशन की समय अवधि को वर्ष 2026 तक बढ़ाने का जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। बीजेपी विधायक अनिता भदेल के विधानसभा के सवाल में जवाब में जलदाय विभाग ने ये जानकारी दी हैं।
17 प्रकरणों में भ्रष्टाचार के मामले :
विभाग के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत कराए जा रहे कार्यों में विभाग में कुल 17 प्रकरणों में अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें जांच उपरांत दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। फील्ड में कार्यों की सतत् निगरानी, पर्यवेक्षण कर, आवश्यकतानुसार समय पर बजट की उपलब्धता सुनिश्चित कर कार्यों की गति बढ़ाने के प्रयास राज्य स्तर पर किए जा रहे हैं।
देरी के लिए अनूठा कारण चर्चित :
जेजेएम में देरी के लिए विभाग का तर्क है कि कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सामग्री की लागत में उछाल, संवेदकों की ओर से धीमी गति से कार्य करने, निविदाओं में दरें अधिक आने के कारण निविदाएं निरस्त कर पुन: आमंत्रित कर स्वीकृत करने में लगा समय आदि कारणों से राज्य में जल जीवन मिशन के कार्यों की प्रगति धीमी रही है। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी के अनुसार कांग्रेस ने जेजेएम को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया और प्रदेश की जनता को प्यासा रखा। हमारी सरकार ने दस लाख से अधिक घरों तक पानी पहुंचाया हैं।
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