राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर विशेष : राजस्थान रोडवेज का कायाकल्प, 810 नई और 352 अनुबंधित बसों ने बदली तस्वीर
बेड़े का नवीनीकरण अनिवार्य
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि यदि रोडवेज को पूरी तरह आधुनिक बनाना है तो इसके बेड़े का नवीनीकरण अनिवार्य है।
जयपुर। परिवहन व्यवस्था किसी भी प्रदेश के आधारभूत ढांचे की आत्मा होती है। साथ ही वहां की प्रगति और जनजीवन की सुगमता का आधार भी। यह केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने का माध्यम भर नहीं, आर्थिक गतिविधियों की रीढ़, सामाजिक जुड़ाव का आधार और दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने वाला सबसे भरोसेमंद तंत्र होती है।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का मानना है कि यदि रोडवेज को पूरी तरह आधुनिक बनाना है तो इसके बेड़े का नवीनीकरण अनिवार्य है।
निर्णायक कदम उठाए
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आमजन को किफायती और सुलभ परिवहन व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए निर्णायक कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले संचालन व्यवस्था में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए सुपरविजन को मजबूत किया गया। वर्षों से रोडवेज के घाटे का बड़ा कारण रही डीजल की छीजत पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया। इसके साथ ही रूट प्लानिंग, बस संचालन और संसाधनों के उपयोग को व्यवस्थित करते हुए यात्रियों की संख्या और बसों की ओर से प्रतिदिन तय किए जाने वाले औसत किलोमीटर में उल्लेखनीय वृद्धि की गई।
घाटा कम हुआ, यात्रियों को मिली सुविधा
इन समेकित प्रयासों का सबसे बड़ा परिणाम यह सामने आया कि संचालन घाटा, जो पहले लगभग एक हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष था, वह घटकर करीब तीन सौ करोड़ रुपए रह गया है। यह कमी राजस्थान रोडवेज के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में गिनी जा रही है और इसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की दूरदर्शी नीतियों, सक्रिय नेतृत्व और सुधारवादी दृष्टिकोण का प्रत्यक्ष परिणाम माना जा रहा है।
रोडवेज बेड़े में नई बसें शामिल
यात्रियों को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा उपलब्ध करवाने के लिए 810 नई बसों को खरीदा गया और 352 बसों को अनुबंध के आधार पर शामिल किया गया। नई बसों के जुड़ने से जहां जनता को अधिक सुरक्षित, आरामदायक और समयबद्ध यात्रा मिलने लगी, वहीं बढ़े हुए नेटवर्क और बेहतर सेवाओं ने रोडवेज की कमाई पर भी सकारात्मक प्रभाव ड़ाला। आने वाले समय में रोडवेज के बेड़े में 800 और नई बसें शामिल की जानी हैं।

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