जातिगत वोट बैंक को साधने में जुटी कांग्रेस, टीमें कर रही जनसंपर्क 

कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं

जातिगत वोट बैंक को साधने में जुटी कांग्रेस, टीमें कर रही जनसंपर्क 

कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट और सांसद मुरारीलाल मीणा की टीमें लोगों के बीच पहुंचकर अपने पाले में लाने में जुटे हुए हैं।

जयपुर। राजस्थान विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव में प्रचार का शोर थमने के बाद अब कांग्रेसी नेताओं ने अपनी टीमों के जरिए पार्टी के परंपरागत वोट बैंक को साधने में जुटे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में डोर टू डोर जनसपंर्क किया। दौसा में कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट और सांसद मुरारीलाल मीणा की टीमें लोगों के बीच पहुंचकर अपने पाले में लाने में जुटे हुए हैं। देवली उनियारा में पायलट और सांसद हरिश्चन्द्र मीना के टीमें, रामगढ में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह की टीमें, झुंझुनूं में पायलट,सांसद बृजेन्द्र ओला और पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा की टीमें, खींवसर में डोटासरा की टीम, चौरासी और सलूम्बर में पूर्व मंत्री अशोक चांदना, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा और ताराचंद भगोरा की टीमें लोगों के बीच सम्पर्क कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। 

भाजपा से मिल रही टक्कर, सेंधमारी का डर
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लगातार निगरानी के वाबजूद अधिकांश सीटों पर कांग्रेस को भाजपा से टक्कर मिल रही है। इसी वजह से कांग्रेस को दौसा, देवली उनियारा, झुंझुनूं और रामगढ में भी जमकर मेहनत करनी पड़ रही है, जंहा पहले कांग्रेस के विधायक थे। झुंझुनूं, खींवसर और देवली उनियारा त्रिकोणीय संघर्ष में फंसी हुई नजर आ रही हैं। आदिवासी क्षेत्रों में चौरासी और सलूम्बर में कई नेताओं की मेहनत से काफी आदिवासी वोटों में सेंधमारी नजर आ रही है, लेकिन अभी यह संख्या जीत के लिए नाकाफी साबित हो रही है। कांग्रेस रणनीतिकार इन सभी सीटों पर बागियों से हो रहे नुकसान को रोकने के साथ भीतरघात के डेमेज कंट्रोल में जुटे हैं।

 

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