अवैध वसूली का भंड़ाफोड़: कांस्टेबल, होमगार्ड और पंक्चर दुकानदार गिरफ्तार, ऑनलाइन स्कैनर भी जब्त
वसूली के आरोपी 3 दिन के रिमांड पर
बजाज नगर थाना पुलिस ने ट्रैफिक चालान से बचाने के नाम पर अवैध वसूली करने वाले ट्रैफिक कांस्टेबल, होमगार्ड और पंचर दुकानदार को गिरफ्तार किया। आरोपी ऑनलाइन स्कैनर से राशि वसूलते थे, जो कांस्टेबल के खाते से जुड़ा था। पुलिस ने स्कैनर जब्त कर तीनों को तीन दिन की रिमांड पर भेजा।
जयपुर। बजाज नगर थाना पुलिस ने शनिवार को ट्रैफिक चालान से बचाने के नाम पर अवैध तरीके से वसूली करने वाले ट्रैफिक कांस्टेबल, पंचर दुकानदार और होमगार्ड जवान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इन आरोपियों के कब्जे से वह ऑनलाइन पेमेंट स्कैनर भी जब्त किया, जो वसूली में इस्तेमाल किया जाता था। फिलहाल तीनों से पूछताछ जारी है तथा अदालत ने उन्हें तीन दिन की रिमांड पर भेजा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि वसूली की राशि पंचर दुकान संचालक के खाते में जमा की जाती थी।
पुलिस को एक दिन में दो अलग-अलग ट्रांजेक्शन मिले 1500 और 300 रुपए जो चालान से बचाने के नाम पर अवैध रूप से वसूले गए थे। थानाप्रभारी पूनम चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में भवानी सिंह पुत्र किशन लाल बानूसर, वकार अहमद कोटपूतली-बहरोड़ और मोहम्मद मुश्ताक सांगानेरी गेट लालकोठी का रहने वाला है।
कांस्टेबल भवानी सिंह ट्रैफिक विभाग में तैनात है, वकार अहमद होमगार्ड का जवान है जबकि मोहम्मद मुश्ताक त्रिवेणी चौराहा के पास पंचर की दुकान चलाता है। जांच में खुलासा हुआ कि भवानी सिंह और वकार अहमद त्रिवेणी चौराहा पर संयुक्त रूप से ड्यूटी करते थे। चालान के नाम पर अवैध वसूली के लिए मोहम्मद मुश्ताक की दुकान पर एक आॅनलाइन स्कैनर लगाया गया था। यह स्कैनर सीधे कांस्टेबल भवानी सिंह के बैंक अकाउंट से लिंक था, जिससे सारी वसूली की राशि वहीं जाती थी।
ऐसे चलता था अवैध वसूली का खेल
कांस्टेबल भवानी सिंह और होमगार्ड वकार अहमद सड़क पर ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को पकड़ते थे। वे चालान के नाम पर महंगा जुर्माना बताकर वाहन चालकों पर दबाव बनाते। चालान से बचने की गुहार लगाने वालों से ये लोग तय रकम लेते और उन्हें पंचर दुकान पर लगे स्कैनर पर ऑनलाइन भुगतान कराते। जैसे ही पैसा खाते में आ जाता, बिना चालान ही वाहन चालकों को छोड़ दिया जाता। पुलिस ने पंचर दुकान से वह स्कैनर भी जब्त कर लिया है, जो सीधे कांस्टेबल के बैंक अकाउंट से जुड़ा हुआ था। पुलिस अब गिरफ्तार तीनों आरोपियों से पूछताछ यह पता लगाने में जुटी है कि अवैध वसूली का खेल कितने समय से चल रहा था और इसमें और कौन-कौन शामिल थे।

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