गुलाबी फिज़ा में देश राग
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित कई प्रतिष्ठित लोग हुए शामिल
कवियों ने एक से एक बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं और श्रोताओं को देर रात तक मोहपाश में बांधे रखा। देश के हास्य एवं व्यंग्य के लिए विख्यात कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा ने राम मंदिर, जातिवाद, राजनीति और भ्रष्टाचार को लेकर तीखे व्यंग्य बाण चलाए।
ब्यूरो, नवज्योति जयपुर। दैनिक नवज्योति की ओर से शनिवार को बिड़ला सभागार में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन ‘देश-राग’ में देशभक्ति, शृंगार, हास्य और वीर रस की ऐसी गंगा बही कि श्रोता उसमें बार-बार गोते लगाते रहे। कवियों ने एक से एक बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं और श्रोताओं को देर रात तक मोहपाश में बांधे रखा। देश के हास्य एवं व्यंग्य के लिए विख्यात कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा ने राम मंदिर, जातिवाद, राजनीति और भ्रष्टाचार को लेकर तीखे व्यंग्य बाण चलाए तो हर कोई वाह...वाह...कर उठा।
उन्होंने जातिवाद पर तीखा व्यंग्य करते हुए कहा, ‘राम तो शबरी के बेर खा सकता है, लेकिन शबरी राम के मंदिर क्यों नहीं जा सकती?’ चार लाइन सुनाते हुए कहा कि-‘मुझे वरदान मिला है, जो मेरी बात पर ताली नहीं बजाते, वे अगले जन्म में घर-घर जाकर ताली बजाएंगे।’ इस पर पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा। ‘देश राग’ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री प्रेमचन्द्र बैरवा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, सांसद घनश्याम तिवाड़ी, विधायक कालीचरण सराफ, विधायक बाल मुकुंदाचार्य, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी,एडीजी दिनेश एमएन सहित न्यायिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, व्यापार जगत से जुडेÞ प्रतिष्ठित लोगों और धर्म गुरुओं ने शिरकत की। सुरेंद्र शर्मा ने स्कूली बच्चों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को अपनी रचना के माध्यम से पिरोते हुए कहा कि हमने अपने बच्चों का बचपन मार कर बड़ा अपराध किया है। कवि सम्मेलन का आगाज कवि चिराग जैन ने अपनी गुदगुदाती हास्य की कविताओं से किया।
जैन ने महिलाओं की ड्रेसिंग सेंस की अप्सराओं से तुलना करके गुदगुदाया। हास्य कवि अरुण जैमिनी ने तो एक से बढ़कर एक हास्य प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने हरियाणा और राजस्थान के बोलचाल के अंदाज पर भी ठहाके लगवा दिए। उन्होंने ‘भारत ने बहुत सारे सांप पाल रखे हैं, अपनी आस्तीन में छिपा रखे हैं’,सुनाकर माहौल को सोचने पर विवश कर दिया। अतिथियों ने दैनिक नवज्योति के संस्थापक सम्पादक कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी के चित्र पर दीपक प्रज्ज्वलित कर कवि सम्मेलन की विधिवत शुरूआत हुई।
झाला और चौहान सम्मानित
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक दीनबंधु चौधरी, निदेशक हर्ष चौधरी ने मंच पर ‘अखिल भारतीय कप्तान दुर्गाप्रसाद चौधरी हिंदी सेवा सम्मान-2024’ से प्रख्यात कवि जयपुर निवासी संजय झाला और ‘नवज्योति काव्य कलश सम्मान’ से अलवर निवासी कवि विनीत चौहान को सम्मानित किया।
विनीत चौहान ने माहौल में देशभक्ति का ज्वार उभार दिया
वीर रस के कवि विनीत चौहान ने माहौल में देशभक्ति का ज्वार उभार दिया। ‘भारत माता की जय’ के नारों से सभागार गूंज उठा। ‘ये धरती रण में दुश्मन का कोई अहसान नहीं रखती...’ सुन श्रोता तालियां ही बजाते रहे। एक विधवा मां के पुत्र के बलिदान पर मां ने जो जवाब दिया, उसे चौहान ने कविता के माध्यम से खूब दर्द उकेरा। फिल्म अभिनेता एवं कवि यशपाल शर्मा ने ‘डाकुओं की फौज बैठी है संसद में...’ सुनाकर सभी को सोचने के लिए विवश किया। उन्होंने फिल्म ‘दादा लक्ष्मी’ का डायलॉग भी सुनाया। शृंगार रस की कवयित्री मनीषा शुक्ला ने शृंगार रस की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी।
नारी शक्ति, पुरुष सहनशक्ति: संजय झाला
कवि संजय झाला ने ‘चिराग गया बाबाजी के पास...’ किस्सा सुनाकर माहौल को हंसी से सराबोर कर दिया।

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