देवशयनी एकादशी : गोविंद देव जी सहित वैष्णव मंदिरों में उमड़ा श्रद्धा का सागर, दर्शन के लिए 11 घंटे खुले रहे मंदिर के पट, दर्शन व्यवस्था रही सराहनीय
ठाकुरजी को खाट पर विराजमान कर निज मंदिर की परिक्रमा कराई
गुलाबी नगरी में देवशयनी एकादशी के पर्व पर श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला।
जयपुर। गुलाबी नगरी में देवशयनी एकादशी के पर्व पर श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। प्रमुख वैष्णव मंदिरों, विशेष रूप से गोविंद देवजी मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं का सागर उमड़ता रहा। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पूजा-अर्चना की भगवान विष्णु को शयन के लिए विदा किया और दान-पुण्य के कार्यों में भाग लिया। मान्यता है कि देवशयनी एकादशी पर भगवान श्रीहरि विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में प्रवेश कर लेते हैं और सृष्टि संचालन का भार भगवान शिव को सौंप देते हैं।
उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ :
शहर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में परंपरागत रीति से एकादशी मनाई गई। सुबह गोविंद देवजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया और नवीन लाल रंग की नटवर पोशाक धारण करवाई गई तथा रत्नजड़ित आभूषणों एवं पुष्पों से भव्य शृंगार कर उन्हें रथ पर विराजित कर तुलसी मंच तक ले जाया गया, जहां मंदिर के महंत आचार्य अंजन कुमार गोस्वामी ने विधिवत पूजन, तुलसी सेवा, भोग अर्पण, चार परिक्रमा और महाआरती संपन्न कराई। इसके बाद ठाकुरजी को पारंपरिक रूप से खाट पर विराजमान कर निज मंदिर की परिक्रमा कराते हुए गर्भगृह में विश्राम के लिए विराजित किया गया।
झांकियों का समय बढ़ाया :
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने झांकियों के समय में विस्तार किया। सुबह मंगला झांकी से लेकर रात की शयन झांकी तक मंदिर के पट लगभग 11 घंटे खुले रहे। इतनी बड़ी संख्या को सुव्यवस्थित ढंग से संभालने के लिए डीसीपी सुबह मंगला झांकी के समय पुलिस अधिकारियों के साथ पहुंचीं। बड़ी संख्या में पुलिस बल, होमगार्ड एवं स्वयंसेवकों ने व्यवस्था संभाली। लोहे की बैरिकेडिंग की जगह कपड़े की बैरिकेडिंग की गई, जिससे वातावरण खुला और सहज बना रहा। श्रद्धालुओं के ठहरने की मनाही ने दर्शन प्रक्रिया को तीव्र और सुविधाजनक बनाया, जिसका असर यह रहा कि मंदिर के बाहर कोई यातायात जाम नहीं हुआ। जलेब चौक और गुरुद्वारे के पास की पार्किंग व्यवस्था भी सुचारू रही।
मंदिर परिसर में दिनभर कीर्तन, सत्संग और भजन मंडलियों का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालु कीर्तन में लीन रहे। दिनभर आसमान में बादल छाए रहने के कारण मौसम सुहावना बना रहा।

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