राजस्थान अस्पताल में चिकित्सक दिवस पर कार्यक्रम आयोजित : डॉक्टरों की मानसिक, सामाजिक चुनौतियों पर विचार-विमर्श
वार्षिक निशुल्क स्वास्थ्य जांच की योजना की घोषणा
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. दिनेश माथुर के मार्गदर्शन में एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा आयोजित हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए।
जयपुर। राजस्थान अस्पताल में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस वर्ष की थीम मास्क के पीछे- देखभालकर्ताओं की देखभाल को केंद्र में रखते हुए डॉक्टरों की मानसिक, सामाजिक और नैतिक चुनौतियों पर गंभीर विमर्श किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान अस्पताल के वाइस प्रेसिडेंट एवं सीईओ डॉ. सर्वेश अग्रवाल की ओर से किया गया, जिन्होंने थीम के महत्व को स्पष्ट करते हुए डॉक्टरों की आंतरिक दुनिया की ओर ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एसएस अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर भी इंसान हैं। सफेद कोट के पीछे थकान, अकेलापन और आत्म-संघर्ष भी छिपा होता है। उन्होंने डॉक्टरों के सामाजिक बलिदान, नैतिक द्वंद्व और आत्म-देखभाल की उपेक्षा पर गंभीर चर्चा की और चिकित्सकों एवं उनके परिजनों की वार्षिक निशुल्क स्वास्थ्य जांच की योजना की घोषणा भी की। अस्पताल के प्रेसिडेंट डॉ. वीरेंद्र सिंह ने सेवा करने वाले हाथों की देखभाल की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जो दूसरों की सेवा करते हैं, उन्हें भी समझने और सहारा देने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. दिनेश माथुर के मार्गदर्शन में एक उच्च स्तरीय पैनल चर्चा आयोजित हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। डॉ. दिनेश माथुर द्वारा तैयार किया गया एक विशेष वीडियो भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें चिकित्सकों के संघर्षों को चित्रों, अनुभवों और भावनाओं के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वीणा आचार्य ने गर्भ-संस्कार विषय पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर डॉ. रविंद्र राव, डॉ. बुद्धादित्य चक्रवर्ती, डॉ. कैलाश, डॉ. शीतू सिंह, डॉ. राघव शाह, डॉ. एडी माथुर सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।

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