विलुप्त नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन में जुटी सरकार, 12.50 करोड़ की लागत से होगी डीपीआर तैयार
12.50 करोड़ की लागत से डीपीआर तैयार करने का कार्यादेश जारी
राज्य सरकार ने विलुप्त और प्रदूषित नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए ठोस कदम उठा रही हैं
जयपुर। राज्य सरकार ने विलुप्त और प्रदूषित नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए ठोस कदम उठा रही हैं। बजट घोषणा 2024-25 के तहत, रूपारेल, साबी और जोजरी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए डीपीआर तैयार करने की स्वीकृति दी जा चुकी है। जाखम बांध के अधिशेष जल को राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा के मेजा, भोपालसागर, राजसमंद और नंदसमंद बांधों में अपवर्तित करने हेतु 12.50 करोड़ की लागत से डीपीआर तैयार करने का कार्यादेश जारी किया गया है।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण परियोजना के तहत, जोधपुर जिले की जोजरी नदी में प्रवाहित प्रदूषित सीवरेज के उपचार के लिए चार कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इन कार्यों का क्रियान्वयन जोधपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम जोधपुर की ओर से किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार ने नदियों की साफ-सफाई के लिए डिसिल्टिंग और ड्रेजिंग के कार्यों को भी बजट घोषणा के तहत प्राथमिकता दी है। इन कार्यों के लिए सक्षम स्वीकृति और वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए जाने प्रस्तावित हैं। सरकार के ये प्रयास प्रदेश में जल संसाधनों के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होंगे।
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